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भारत रंग महोत्सव: नाटकों के माध्यम से समाज को समीक्षा का मंच

महोत्सव के अंतर्गत, नाटकों के माध्यम से समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया गया

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भारत रंग महोत्सव का आठवां दिन एक साहित्यिक उत्सव की भावना और समाज के दर्शन को प्रस्तुत करते हुए गुजरा। इस महोत्सव के अंतर्गत, नाटकों के माध्यम से समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया गया।

     भारतीय नाट्य विद्यालय  सिक्किम सेंटर की ओर से विरासत की प्रस्तुति दी गई, जिसका लेखन महेश एलकुंचवार और निर्देशन अनिरुद्ध खुटवाड़ ने किया है। जोकि भारतीय नाट्य विद्यालय के पूर्व छात्र हैं।  इस नाटक के जरिए अनिरुद्ध ने एक पीढ़ीगत गाथा को देशपांडे परिवार के उत्थान और पतन के माध्यम से दिखाया है। नाटक महाराष्ट्र के धरन गावं पर आधारित देशपांडेय के तीसरी पीढ़ी के रंजू और पराग की तैयारियों से शुरू होता है। ये नाटक पीढ़ीगत सोच के अंतर को दर्शाता है।  कथा में जीवन के द्वन्द और पारिवारिक द्वन्द को पर्दे पर उतारा गया है। नाटक ने विभिन्न पीढ़ियों के जीवन में उतार-चढ़ाव को दर्शाया और समाज के अंतर्निहित समस्याओं पर ध्यान आकर्षित किया।

अगला नाटक “मोनेर मानुष”

    अगला नाटक मोनेर मानुष” बौल जाति की अनूठी परंपरा को प्रस्तुत करता है। यह नाटक (बौल गीत के जरिए) प्रेम का संदेश देते हुए मानव के हृदय में प्रेम की महत्ता के भावों को जीवंत करता हैं। इस नाटक के जरिए बौल समुदाय के लोग समाज में दंगे, लालच, अत्याचार, और अन्य दोषों को लोगों से भूल जाने को कहते हैं और समाज में प्रेम को बढ़ावा और ह्रदय में भगवान को बसाने की बात कहते हैं। नाटक का उद्देश्य लड़ाई झगड़े के बजाए प्रेम और भाईचारे को बढ़ावा देना है।मोनेर मानुष नाटक ने बौल समुदाय की अनूठी परंपरा को उजागर किया। इस नाटक के माध्यम से प्रेम के महत्व को समझाया गया और समाज में इसका महत्व प्रस्तुत किया गया।

नुक्कड़ नाटक

     केशव महाविद्यालय थिएटर सोसायटी द्वारा प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक ने नशे की लत के खिलाफ एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। यह नाटक युवाओं को सतर्क करता है और उन्हें स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है। केशव महाविद्यालय की थिएटर सोसायटी- शेड्स ने नशे की लत पर नुक्कड़ नाटक के जरिए प्रकाश डाला। विद्यालय के बच्चों ने नशीली दवाओं, शराब और फोन की लत के साथ-साथ वेप (ई-सिगरेट) की लत के शरीर पर हानिकारक प्रभावों के बारे में बताया और युवाओं से इन सब से दूर रहने के लिए कहा।

     इंदिरा गांधी दिल्ली महिला तकनीकी विश्वविद्यालय ने अपने नुक्कड़ नाटक में भारतीय समाज की विविधता और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों के सामने आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। इंदिरा गांधी दिल्ली महिला तकनीकी विश्वविद्यालय ने प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक के माध्यम से सांस्कृतिक विविधता के विषय और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों के सामने आने वाली चुनौतियों को रखा. ये नाटक इन राज्यों के लोगों की गर्मजोशी और उन्हें अक्सर मिलने वाले दुर्व्यवहार के बारे में संदेश देता है। यह नाटक मीडिया की लापरवाही, धार्मिक रूपांतरण, अवैध आप्रवासन, विद्रोही समूहों की उपस्थिति, जातीय संघर्ष, अफस्पा (सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम) लागू करने और पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद जैसे मुद्दों पर प्रकाश डालता है। अपने चित्रण के माध्यम से, नाटक का उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत के 7 राज्यों के संघर्ष और अनुभवों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, उन्हें न्याय और मान्यता प्रदान करने का प्रयास करना है।

     इस महोत्सव ने साहित्यिक कला के माध्यम से समाज के मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया और जागरूकता फैलाने का मंच प्रदान किया। यह एक अद्वितीय अवसर था जब शिक्षा और मनोरंजन का संगम समाज को सोचने और समझने के लिए प्रेरित करता है।

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में आयोजित भारत रंग महोत्सव के 7वें दिन की प्रस्तुति के बारे में जानने के लिए इस Link पर:— https://dainikindia24x7.com/bharat-rang-mahotsav-jasma-odan-is-a-story-of-honor-betrayal-and-resurrection-16220-2/ Click करें। और आप चाहें तो अपने मोबाइल पर Play Store हमारा ऐप्प डाउनलोड कर सकते हैं।

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