ELECTION REFORMS : मोदी सरकार का बड़ा फैसला अब Aadhar से लिंक होगी Voter List
सरकार ने शुक्रवार को मतदाता सूची (voter list) के आंकड़ों को Aadhar से जोड़ने, सेवा मतदाताओं के लिए चुनावी कानून को जेंडर न्यूट्रल बनाने और युवा नागरिकों को वर्तमान के बजाय चार बार मतदाता के रूप में पंजीकृत करने की अनुमति देते हुए चार अधिसूचनाएं जारी कीं।

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मोदी सरकार ने एक बार फिर बड़ा फैसला लिया है। जिसमें मतदाता सूची को आधार कार्ड से लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है। इससे पसरकार ने शुक्रवार को मतदाता सूची (voter list) के आंकड़ों को Aadhar से जोड़ने, सेवा मतदाताओं के लिए चुनावी कानून को जेंडर न्यूट्रल बनाने और युवा नागरिकों को वर्तमान के बजाय चार बार मतदाता के रूप में पंजीकृत करने की अनुमति देते हुए चार अधिसूचनाएं जारी कीं।हले सरकार ने PAN Card को Aaddhar से लिंक करने का फैसला लिया था। Voter list-Aadhar Link अधिसूचना (notification) जारी कर दी गई है। सरकार के इस फैसले का सबसे ज्यादा असर चुनावी प्रक्रिया और देश की सुरक्षा व्यवस्था पर होगा। अब किसी व्यक्ति के पास सिर्फ एक वोटर आईडी कार्ड (voter ID Card) होंगे। एक से ज्यादा वोटर आईडी कार्ड रखने वाले को फर्जी कार्ड की मान्यता दी जाएगी और इसे खत्म करने में मदद मिलेगी।
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अधिसूचनाएं पिछले साल के अंत में संसद द्वारा पारित चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 का हिस्सा हैं।
कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren rijiju) ने Tweet कर दी जानकारी
उन्होंने यह भी कहा कि अब एक कैलेंडर वर्ष में 1 जनवरी या 1 अप्रैल या 1 जुलाई या 1 अक्टूबर को 18 वर्ष का हो जाने वाला नागरिक तुरंत मतदाता पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकता है। उन्होंने कहा, “चार क्वालीफाइंग तारीखों से मतदाता आधार में काफी वृद्धि होगी। अब तक, मतदाता के रूप में पंजीकरण करने की एकमात्र कट ऑफ तारीख 1 जनवरी है। 1 जनवरी को या उससे पहले 18 वर्ष के हो जाने वाले जनवरी के पहले दिन मतदाता के रूप में पंजीकरण करा सकते हैं। Read More:अग्निवीर भर्ती के लिए अधिसूचना अगले 2 दिनों में आएगी, जानें कैसे और कहां करें रजिस्ट्रेशन
Empowering every voter!
Hon’ble PM Sh @narendramodi ji’s govt.’s historic step to reform the electoral process.
In consultation with the Election Commission of India, Govt. has issued four notifications under The Election Laws (Amendment) Act, 2021.#8YearsOfSeva pic.twitter.com/BIqkc5qQXX— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) June 17, 2022
इसके बाद 18 साल के होने वालों को पूरे एक साल इंतजार करना पड़ता है। चुनावी कानून को जेंडर न्यूट्रल बनाने पर, उन्होंने कहा कि “पत्नी” शब्द को “पति / पत्नी” शब्द से प्रतिस्थापित किया जाएगा, जो क़ानून को जेंडर न्यूट्रल बनाता है। जो एक सेवा मतदाता की पत्नी या पति को उपलब्ध मतदान सुविधा का लाभ उठाने की अनुमति देगा।
दूर-दराज के इलाकों में तैनात सैनिक या विदेशों में भारतीय मिशन के सदस्य कुछ ऐसे लोग हैं जिन्हें सर्विस वोटर माना जाता है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग अब चुनाव संबंधी सामग्री के भंडारण और सुरक्षा बलों और मतदान कर्मियों के आवास के लिए किसी भी परिसर की मांग कर सकता है। रिजिजू ने इसे चुनावी प्रक्रिया में सुधार के लिए नरेंद्र मोदी सरकार का “ऐतिहासिक कदम” बताया है।





