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फ्रैंकफर्ट पुस्तक मेले में बद्री नारायण की कविताओं और विचारों का बिखरा जादू

कार्यक्रम में साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने बद्री नारायण के साथ विचार-विमर्श किया

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फ्रैंकफर्ट अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले के दूसरे दिन, साहित्य अकादमी ने प्रसिद्ध हिंदी कवि बद्री नारायण के साथ ‘लेखक से भेंट’ कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हिंदी साहित्य और संस्कृति को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करना था। बद्री नारायण को उनके कविता संग्रह ‘तुमड़ी के शब्द’ के लिए 2022 का साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ है, जो उनकी काव्य प्रतिभा का प्रमाण है।
बद्री नारायण की काव्य और विचारधारा
बद्री नारायण न केवल एक प्रतिभाशाली कवि हैं, बल्कि वे एक समाज वैज्ञानिक भी हैं। वर्तमान में, वे गोविंद वल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान, झूँसी, इलाहाबाद के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। उनकी कविताओं में सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों की गहरी समझ दिखाई देती है। उनके अन्य चर्चित कविता संग्रहों में ‘खुदाई में हिंसा’, ‘सच सुने कई दिन हुए’, और ‘धूप में लहराते तने’ शामिल हैं।
     बद्री नारायण को केदार सम्मान, भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार, और अन्य कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी नवाजा गया है। उनकी कविताएँ विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवादित की गई हैं, जो उनकी काव्य रचनाओं की व्यापकता और लोकप्रियता को दर्शाती हैं। इसके अतिरिक्त, उनकी प्रमुख वैचारिक पुस्तकों में ‘लोकसंस्कृति और इतिहास’, ‘लोकसंस्कृति में राष्ट्रवाद’, और ‘दलित वीरांगनाएँ एवं मुक्ति की चाह’ शामिल हैं।
     इस कार्यक्रम में साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने बद्री नारायण के साथ विचार-विमर्श किया। उन्होंने कविता का पाठ किया और भारतीय समाज से जुड़े कई महत्त्वपूर्ण प्रश्नों पर अपने विचार साझा किए, जो दर्शकों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक थे। बद्री नारायण ने अपनी काव्य रचनाओं के माध्यम से समाज में व्याप्त जटिलताओं और चुनौतियों पर चर्चा की, जिससे उपस्थित दर्शकों को गहराई से सोचने पर मजबूर किया।
साहित्य अकादमी की उपस्थिति
     साहित्य अकादमी ने अपने स्टॉल पर विभिन्न देशों के प्रकाशकों और एजेंटों को अनुवाद संबंधी जानकारी प्रदान की। इस पुस्तक मेले में, साहित्य अकादमी ने 100 प्रकाशनों को अनुवाद और कॉपीराइट के लिए उपलब्ध कराया है, जिससे वैश्विक पाठकों के लिए भारतीय साहित्य को और अधिक सुलभ बनाया जा सके।
     इस वर्ष का पुस्तक मेला 20 अक्टूबर 2024 तक चलेगा, जो विश्वभर के साहित्य प्रेमियों को उत्कृष्ट साहित्य, सांस्कृतिक विचारों, और लेखक-प्रकाशक वार्ता का आदान-प्रदान करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा।
-भूपिंदर सिंह
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