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सुप्रीम कोर्ट से अरविंद केजरीवाल को राहत, शराब नीति मामले में मिली जमानत
दिल्ली शराब नीति मामला: सुप्रीम कोर्ट से अरविंद केजरीवाल को 10 लाख के मुचलके पर जमानत
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-ओम कुमार
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति मामले में देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट से आज यानी 13 सितंबर को जमानत मिल गई। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइयां की बेंच ने शर्तों और 10 लाख के निजी मुचलके पर दिल्ली के मुख्यमंत्री को जमानत दी हैं। अरविंद केजरीवाल पर वही शर्ते लागू रहेंगी जो प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मामले में मिली जमानत के दौरान थीं।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को अवैध नहीं माना। पर कहा कि किसी भी नेता को बहुत दिनों तक जेल में नहीं रखा जा सकता। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सरकारी काम और सरकारी फाइलों पर साइन करने से अनुमति नहीं होगी।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत ने अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि “एफआईआर अगस्त 2022 में दर्ज की गई थी और 4 चार्जशीट दायर की जा चुकी हैं और ट्रायल कोर्ट ने संज्ञान ले लिया है और 17 आरोपियों की जांच की जानी है। निकट भविष्य में मुकदमे के पूरा होने की संभावना नहीं है। अरविंद केजरीवाल जमानत मंजूर करने के लिए तीन शर्तों को पूरा करते हैं और हम तदनुसार जमानत का आदेश देते हैं। उन्होंने आगे कहा कि चार्जशीट दाखिल करना क्या इन परिस्थितियों में एक महत्वपूर्ण है? इस संबंध में, हम अपीलकर्ता को ट्रायल कोर्ट तक सीमित नहीं कर रहे हैं। हम अरविंद केजरीवाल को 10 लाख रुपये के जमानत बांड के अधीन जमानत पर रिहा करने का निर्देश देते हैं।”
वहीं सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस उज्वल भुइयां ने अरविंद केजरीवाल पर फैसला सुनाते हुए कहा कि “सीबीआई की गिरफ्तारी केवल ईडी के मामले में अर्थहीन जमानत देने का एक उपाय था। सीबीआई को पिंजरे में बंद तोते की धारणा को दूर करना चाहिए। सीबीआई को पारदर्शी दिखना चाहिए और हर प्रयास किया जाना चाहिए ताकि गिरफ्तारी हठपूर्वक न हो।”
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर सुप्रीम कोर्ट ने वही शर्तें लगाई हैं, जो उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मामले में जमानत के दौरान मिली थीं। अरविंद केजरीवाल शराब नीति मामले की मेरिट पर कोई बयानबाजी नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय, सरकार के कार्य करने, मामले पर टिप्पणी करने पर रोक रहेगी। NCCSA की बैठक भी नहीं कर पाएंगे। दिल्ली शराब नीति से जुड़े मामले में अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। वह किसी भी गवाह से बातचीत नहीं करेंगे या मामले से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक पहुंच नहीं रखेंगे।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दिए जाने पर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि “पहले दिन से ही हम लोग कह रहे थे कि ये पूरा मामला झूठ की बुनियाद पर खड़ा किया गया है। इस झूठ को फैलाने में मोदी की सरकार जिम्मेदार है। लेकिन मनीष सिसोदिया की रिहाई, उसके बाद बाकि सारे लोगों की रिहाई और आज अरविंद केजरीवाल की रिहाई ने ये साबित कर दिया है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के झूठ का पहाड़ ध्वस्त हो चुका है।”
सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दिए जाने पर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि “आज सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी को बहुत बड़ा संदेश दिया है कि तुम्हें अपनी तानाशाही बंद करनी पड़ेगी। सुप्रीम कोर्ट का आदेश बीजेपी के मुंह पर कड़ा तमाचा है कि आप एजेंसियों का गलत उपयोग कर रहे हैं। भारत में अगर किसी की चलेगी तो देश के संविधान की चलेगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में ये साफ होता है कि सीबीआई (CBI) जानबूझकर अरविंद केजरीवाल को जेल के अंदर रखने की मंशा के तहत गिरफ्तार कर रही थी। ये मंशा बीजेपी की थी इसलिए जब ईडी के केस से वह बाहर आने वाले थे तब उन्हें सीबीआई (CBI) के द्वारा गिरफ्तार करवाया गया। आज बीजेपी को माफी मांगनी चाहिए।”
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