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स्त्री के धैर्य का अंदाजा लगा पाना नामुमकिन है -सोनिया गांधी
स्थानीय निकायों में स्त्री की भागीदारी तय करने वाला संविधान संशोधन मेरे जीवन साथी राजीव गांधी जी ही लाए थे, जो राज्यसभा में 7 वोटों से गिर गया था। बाद में प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव जी के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने ही पारित कराया। आज उसी का नतीजा है कि देशभर के स्थानीय निकायों के जरिए हमारे पास 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं। राजीव गांधी जी का सपना अभी तक आधा ही पूरा हुआ है

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कांग्रेस संसदीय दल की नेता और कांग्रेस पार्टी की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज लोकसभा में कांग्रेस पार्टी की ओर से महिला आरक्षण विधेयक के समर्थन पर मुख्य वक्ता के तौर पर बोलते हुए कहा कि “खुद मेरी जिंदगी का यह बहुत मार्मिक क्षण है। पहली दफा स्थानीय निकायों में स्त्री की भागीदारी तय करने वाला संविधान संशोधन मेरे जीवन साथी राजीव गांधी जी ही लाए थे, जो राज्यसभा में 7 वोटों से गिर गया था। बाद में प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव जी के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने ही पारित कराया। आज उसी का नतीजा है कि देशभर के स्थानीय निकायों के जरिए हमारे पास 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं। राजीव गांधी जी का सपना अभी तक आधा ही पूरा हुआ है। इस बिल के पारित होने के साथ ही वह पूरा होगा।”

कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने लोकसभा में बोलते हुए कहा कि “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की तरफ से मैं नारी शक्ति वंदन अधिनियम के समर्थन में खड़ी हूं। धुएं से भरी हुई रसोई से लेकर रोशनी से जगमगाते हुए स्टेडियम तक भारत की स्त्री का सफर बहुत लंबा है। लेकिन आखिरकार उसने मंजिल को छू लिया है। उसने जन्म दिया, उसने परिवार चलाया, उसने पुरुषों के बीच तेज दौड़ लगाई और असीम धीरज के साथ अक्सर खुद को हारते हुए, लेकिन आखिरी बाजी में जीतते हुए देखा।”
रायबरेली सीट से सांसद और कांग्रेस पार्टी की प्रमुख नेता सोनिया गांधी ने महिला आरक्षण विधेयक पर बोलते हुए कहा कि जातिगत जनगणना कराकर अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की महिलाओं के आरक्षण की भी व्यवस्था की जानी चाहिए। सरकार को इसे लागू करने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने चाहिए।”
सांसद सोनिया गांधी ने सदन में बोलते हुए कहा कि “भारत की स्त्री के ह्रदय में महासागर जैसा धीरज है, उसने खुद के साथ हुई बेईमानी की शिकायत नहीं की और सिर्फ अपने फायदे के बारे में कभी नहीं सोचा। उसने नदियों की तरह सबकी भलाई के लिए काम किया है और मुश्किल वक्त में हिमालय की तरह अडिग रही। स्त्री के धैर्य का अंदाजा लगा पाना नामुमकिन है. वह आराम को नहीं पहचानती और थक जाना भी नहीं जानती है। स्त्री हमारे महान देश की मां है। लेकिन उसने हमें सिर्फ जन्म ही नहीं दिया है, बल्कि अपने आंसुओं और खून पसीने से सींचकर हमें अपने बारे में सोचने लायक बुद्धिमान और शक्तिशाली भी बनाया है।”
कांग्रेस नेता सोनिया ने महिला आरक्षण बिल पर लोकसभा में अपने सम्बोधन में कहा कि सरोजिनी नायडू, सुचिता कृपलानी, अरुणा आसिफ अली, विजयलक्ष्मी पंडित, राजकुमारी अमृत कौर और उनके साथ लाखों महिलाओं से लेकर आज की तारीख तक स्त्री ने कठिन समय में हर बार महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, बाबा साहब आंबेडकर और मौलाना आजाद के सपनों को जमीन पर उतारकर दिखाया है। इंदिरा गांधी जी का व्यक्तित्व बहुत ही रोशन और जिंदा मिसाल है।”
-ओम कुमार