देश (National)राजनीति
Emergency की 50वीं वर्षगांठ पर जनता के सामने रखे गए दुर्लभ सरकारी दस्तावेज
दिल्ली में आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर विशेष प्रदर्शनी का आयोजन

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-ओम कुमार
देश में 25 जून को इमरजेंसी यानि आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर नई दिल्ली के कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
इस दौरान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, सांसद प्रवेश खंडेलवाल, सांसद बांसुरी स्वराज, दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रवेश वर्मा, कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा, कैबिनेट मंत्री आशीष सूद, कैबिनेट मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, एनडीएमसी के चैयरमेन कुलजीत चहल, दिल्ली बीजेपी के महामंत्री विष्णु मित्तल समेत कई नेता, विधायक मौजूद रहे।
इस दौरान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, सांसद प्रवेश खंडेलवाल, सांसद बांसुरी स्वराज, दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रवेश वर्मा, कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा, कैबिनेट मंत्री आशीष सूद, कैबिनेट मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, एनडीएमसी के चैयरमेन कुलजीत चहल, दिल्ली बीजेपी के महामंत्री विष्णु मित्तल समेत कई नेता, विधायक मौजूद रहे।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आपातकाल को याद करते और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि “जो लोग आज संविधान की कॉपियां लेकर जेब में घूमते हैं और दावा करते हैं कि संविधान को दबाया जा रहा है। मैं उनसे कहना चाहती हूं पूरा देश गवाह है कैसे उनको पूर्वजों ने संविधान को दबाया और कुचला। पूरा देश इसका गवाह है। यह हमारे इतिहास का एक काला अध्याय था, जब लोकतंत्र को कुचला गया। ऐसे समय में जब देश गरीबी, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से जूझ रहा था, एक निकम्मी सरकार अपनी सत्ता बचाने में व्यस्त थी। सच्चा लोकतंत्र तब होता जब इंदिरा गांधी इस्तीफा देती। लोगों को सत्ता वापस सौंपती और माफी मांगती।”
आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “लोकतंत्र की हत्या को 50 साल बीत चुके हैं। मुझे उन लोगों पर हंसी और गुस्सा दोनों आ रहा है। जो आज भी लोकतंत्र को जेब में रखते हैं और दूसरों को इसकी रक्षा करने का उपदेश देते हैं। मैं उनसे कहना चाहती हूं कि लोकतंत्र की हत्या करने वाले आपके ही पूर्वज थे। भारतीय इतिहास में संविधान का गला घोंटने वाले दिन से ज्यादा काला दिन कोई नहीं हो सकता है। आज वे अपनी जेब में संविधान की कॉपी रखकर घूमते हैं और कहते हैं कि लोकतंत्र को बचाओ।”

आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर दिल्ली में लगाई गई प्रदर्शनी के दौरान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने सम्बोधन में कहा कि “25 जून 1975 का दिन भारतीय लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे काला अध्याय है। जिसकी विभीषिका को राष्ट्र कभी भुला नहीं सकता। आज ही के दिन सन 1975 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने भारतीय संविधान में निहित मूल्यों को दरकिनार कर मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया था। रातों-रात आपातकाल थोपकर कांग्रेस ने यह साबित कर दिया कि उसके लिए सत्ता सर्वोपरि है, लोकतंत्र और संविधान नहीं। कोई भी भारतीय यह कभी नहीं भूलेगा कि किस प्रकार हमारे संविधान की भावना का सरेआम हनन किया गया था। आपातकाल को अब 50 साल हो गए हैं और एक बड़ी पीढ़ी ऐसी है, जिसने इसे कभी नहीं देखा। मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि आज 70 या उससे अधिक उम्र के लोगों ने आपातकाल को झेला है। इसे करीब से झेला है और अत्याचारों को खुद देखा है। उस दौरान किए गए अत्याचार और अन्याय की सीमा को बताने के लिए पर्याप्त समय नहीं है।”

दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा ने आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर लगाई गई प्रदर्शनी पर बोलते हुए कहा कि “यह प्रदर्शनी दिल्ली सरकार द्वारा लगाई गई है। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अभी-अभी इसका जनता के लिए उद्घाटन किया है। प्रदर्शनी का उद्देश्य आपातकाल के दौरान किए गए अत्याचारों को प्रदर्शित करना है। इसका एकमात्र उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश उस दौरान हुई लोकतंत्र और संविधान की हत्या को कभी न भूले और उससे मिले सबक को हमेशा याद रखे।”

दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर लगाई गई प्रदर्शनी पर कहा कि “आज आपातकाल के 50 साल पूरा हो गए। आपातकाल लोकतंत्र पर सबसे बड़ा आघात था। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य आज की नई पीढ़ी को यह बताना है कि वर्ष 1975 में आपातकाल के दौरान कांग्रेसियों ने देश में किस प्रकार का दमन किया, कैसे जनता की आवाज़ को दबाया गया और लोकतंत्र को सत्ता के मद में चूर काग्रेसियों ने किस तरह बेरहमी से कुचल दिया। इस प्रदर्शनी में वे सभी महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेज पहली बार जनता के सामने प्रस्तुत किए गए हैं, जो अब तक कभी सार्वजनिक नहीं किए गए थे।
25 जून की यह तारीख भारत के इतिहास में काले अध्याय के रूप में दर्ज है।”

दिल्ली बीजेपी के महामंत्री विष्णु मित्तल ने आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर लगाई गई प्रदर्शनी पर कहा कि “25 जून 1975 लोकतंत्र का सबसे काला दिन है। जब एक आवाज़ से सत्ता काँप गई, और संविधान को चुप करा दिया गया। हम भूलें नहीं, यह इतिहास की चेतावनी है। लोकतंत्र की रक्षा हमेशा सतर्कता मांगती है। कल सुमित्रा आर्या जी से मिलना हुआ जो आपातकाल के दौरान 18 माह तक जेल में रही उनके परिवार के 11 सदस्यों को गिरफ़्तार किया गया था। जिनमें 3 पुरुष 5 महिलाएँ व 3 छोटे बच्चे थे। कितनी यातनाएँ इन लोगों ने झेलीं कल उन्होंने बताया। कांग्रेस, गांधी परिवार और इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता बचाने के लिए जो किया, वह लोकतंत्र और देश वासियों के साथ किया गया सबसे बड़ा अपराध था। इस प्रदर्शनी के माध्यम से हम हर पीढ़ी को आपातकाल के अत्याचारों को बता रहे हैं।”
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