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दिल्ली: झुग्गी बस्ती पर सियासत: अरविंद केजरीवाल और LG आमने-सामने
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की ऐसी कोई योजना नहीं है और उन्होंने केजरीवाल को उनके खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी

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-ओम कुमार
विधानसभा चुनाव में झुग्गी बस्ती के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी और बीजेपी दिल्ली में आमने सामने हैं। लेकिन अब इस मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को खींच लिया है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर झुग्गी बस्ती को हटाने का आरोप लगाया था। अब इस आरोप पर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर शकूर बस्ती की झुग्गियों के निवासियों से झूठ बोलने और उन्हें गुमराह करने का आरोप लगाया है।
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की ऐसी कोई योजना नहीं है और उन्होंने केजरीवाल को उनके खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी।
उपराज्यपाल सक्सेना ने कहा कि “अरविंद केजरीवाल शकूर बस्ती की झुग्गियों के पास गए। उन्होंने वहां शकूर बस्ती को लेकर जो बयान दिया है, वह सरासर झूठ है। उन्होंने 27 दिसंबर की डीडीए मीटिंग का हवाला देते हुए कहा कि एलजी ने शकूर बस्ती का ‘लैंड यूज’ बदल दिया है। एलजी ने कहा कि डीडीए ने न तो इस कॉलोनी का भूमि उपयोग बदला है और न ही डीडीए ने कोई बेदखली या तोड़फोड़ का नोटिस दिया है। केजरीवाल जानबूझकर सफेद झूठ बोल रहे हैं और लोगों को गुमराह कर रहे हैं।”
उपराज्यपाल सक्सेना ने कहा कि “27 दिसंबर को डीडीए की बैठक में केजरीवाल के दो विधायक सोमनाथ भारती और दिलीप पांडे मौजूद थे। अगर केजरीवाल उनसे बात करते तो शायद झूठ नहीं बोलते। मेरी उन्हें सलाह है कि उन्हें तुरंत प्रभाव से इस विषय पर झूठ बोलना बंद कर देना चाहिए। अन्यथा डीडीए उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा। अगर केजरीवाल ने स्लम एरिया का दौरा किया होगा तो उन्हें वहां रहने वाले लोगों की दयनीय स्थिति दिखाई दी होगी।”
जानकारी के लिए बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने उत्तर पश्चिमी दिल्ली जिले की शकूर बस्ती झुग्गी बस्ती का दौरा करते हुए भाजपा पर झुग्गीवासियों के कल्याण के बजाय भूमि अधिग्रहण को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि “वे पहले आपके वोट चाहते हैं और चुनाव के बाद आपकी ज़मीन।”
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस मामले पर बात रखते हुए कहा कि 27 दिसंबर को, डीडीए ने भूमि उपयोग में बदलाव के लिए चर्चा की थी, लेकिन यह दूसरे क्षेत्र के लिए थी, जहां कोई झुग्गी बस्ती नहीं थी। बैठक के बाद भी उस क्षेत्र के भूमि उपयोग परिवर्तन पर कोई निर्णय नहीं हुआ।
दिल्ली में झुग्गी बस्ती को लेकर सियासत गरमा गई है। आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। दिल्ली की झुग्गी बस्ती में रहने वाले लोगों का वोट चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाता है। दिल्ली में विधानसभा की 70 सीटें हैं जिन पर 5 फरवरी को मतदान होगा और चुनाव का परिणाम 8 फरवरी को घोषित किया जाएगा।
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