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ओडिशा में बीजेपी को पहली बार स्पष्ट बहुमत, मुख्यमंत्री आवास की तलाश जारी

बीजेपी को पहली बार सरकार बनाने का मौका, नए मुख्यमंत्री के नाम पर विचार

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ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को पहली बार सरकार बनाने का स्पष्ट बहुमत मिला है। वहीं बीजेपी ओडिशा राज्य के लिए मुख्यमंत्री का नाम तय करने में जुटी हुई है वहीं प्रदेश में नए मुख्यमंत्री के लिए घर की तलाश की जा रही है। ओडिशा में इस समय कोई आधिकारिक ‘मुख्यमंत्री आवास’ नहीं है और इसकी वजह है पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक दरअसल, पिछले 24 सालों से नवीन पटनायक अपने निजी घर से ही मुख्यमंत्री के रूप में काम कर रहे थे। नवीन पटनायक के घर का नाम ‘नवीन निवास’ है, यह पिछले 24 साल से मुख्यमंत्री आवास के रूप में जाना जाता रहा है। लेकिन अब ओडिशा में नवीन पटनायक की सरकार नहीं है। बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करते हुए ओडिशा में सरकार बना रही है।
     भारतीय जनता पार्टी बुधवार को ओडिशा के लिए नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा कर सकती है। हालांकि, नए मुख्यमंत्री को मुख्यमंत्री आवास में शिफ्ट होने में कुछ समय लग सकता है। दरअसल, आधिकारिक मुख्यमंत्री आवास फाइनल होने के बाद उसका रिनोवेशन किया जाएगा। इसमें कुछ समय लग सकता है। इसके बाद ही नए मुख्यमंत्री को अधिकारिक आवास मिल पाएगा और वो इसमें रहना शुरू कर पाएंगे। ओडिशा के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट बड़ी तेजी से नए मुख्यमंत्री आवास की खोज कर रहा है।
     जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट ने ‘सीएम शिकायत कक्ष’ सहित कुछ खाली क्वाटर्स को शॉर्टलिस्ट किया है। इन क्वार्टर के फाइनल होने के तुरंत बाद इसमें रिनोवेशन का काम शुरू हो जाएगा। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने के मुताबिक “अतीत में कुछ पूर्व कांग्रेस सीएम जेबी पटनायक और गिरिधर गमांग राजभवन और एजी स्क्वायर के बीच स्थित एक सरकारी क्वार्टर में रहते थे। इस घर को बाद में नवीन पटनायक द्वारा मुख्यमंत्री शिकायत कक्ष में बदल दिया गया था। फिलहाल, एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट मुख्यमंत्री के लिए आधिकारिक आवास मिलने तक उनके लिए अस्थायी आवास के लिए स्‍टेट गेस्ट हाउस में एक सुइट तैयार करने की योजना बना रही है।
     साल 2000 में बीजू जनता दल के प्रमुख नवीन पटनायक के सत्ता संभालने के बाद उन्होंने कोई अधिकारिक मुख्यमंत्री आवास नहीं लिया। नवीन पटनायक सादगी से जीने में यकीन रखते थे। इसलिए उन्‍होंने मुख्‍यमंत्री आवास लेने से इनकार कर दिया और अपने घर से ही काम करने लगे। ये सिलसिला पिछले 24 सालों से जारी था। अगर किसी को कोई काम होता था, तो वह सीधे नवीन पटनायक के घर पर ही आ जाता था।
     बीजेपी ने 147 सदस्यीय वाली ओडिशा विधानसभा में 78 विधानसभा सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। हालांकि, बीजेपी ने अभी तक अपने नेता का चयन नहीं किया है जो ओडिशा राज्य की बागडोर संभालेंगे। ओडिशा के वरिष्ठ सांसद धर्मेंद्र प्रधान के केंद्र सरकार में मंत्री नियुक्त किए जाने के बाद उनके राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनने की संभावना समाप्त हो गई है। अब सबकी नजरें ब्रजराजनगर क्षेत्र से विधायक सुरेश पुजारी पर हैं, जो सोमवार को नई दिल्ली से लौट कर ओडिशा वापस आए हैं।
     बीजेपी के ओडिशा प्रभारी विजय पाल सिंह तोमर के मुताबिक पार्टी विधायक दल की बैठक मंगलवार को होगी और नई सरकार 12 जून को शपथ लेगी। नवनिर्वाचित विधायक सुरेश पुजारी ने सोमवार को नई दिल्ली से लौटने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि “नवनियुक्त पर्यवेक्षकों राजनाथ सिंह और भूपेंद्र यादव के नेतृत्व में वरिष्ठ नेतागण विधायकों के साथ चर्चा करेंगे।” विधायक सुरेश पुजारी के अलावा, ओडिशा के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल,  विधायक के.वी. सिंह और विधायक मोहन माझी भी प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं।
-ओम कुमार
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