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Trade Fair 2024: झारखंड राज्य दिवस पर कला, संस्कृति और विकास की अद्भुत प्रस्तुति
भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में झारखंड राज्य दिवस में दिखी राज्य की परंपरा और संस्कृति की झलक

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झारखंड, प्रकृति की गोद में बसा वह प्रदेश है, जो अपनी आदिवासी संस्कृति, खनिज संपदा और लोक परंपराओं के लिए जाना जाता है। यहाँ का सामाजिक परिवेश और लोक संस्कृति देशभर में अपनी अनूठी पहचान रखते हैं। इसी गौरवशाली प्रदेश ने दिल्ली के भारत मंडपम में चल रहे भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (IITF) में झारखंड राज्य दिवस का आयोजन कर अपनी सांस्कृतिक धरोहर और विकास की झलक प्रस्तुत की।

राज्य दिवस पर विशिष्ट उपस्थिति
झारखंड राज्य दिवस के अवसर पर सचिव उद्योग विभाग, जितेंद्र कुमार सिंह; सचिव सूचना एवं प्रौद्योगिकी, विप्रा भाल; अपर सचिव उद्योग विभाग, मनमोहन प्रसाद; निदेशक उद्योग विभाग, सुशांत गौरव; प्रबंध निदेशक जियाडा, प्रेरणा दीक्षित; संयुक्त निदेशक, प्रणव कुमार पॉल; लल्लन कुमार (विशेष कार्य पदाधिकारी, जैप आईटी) और अन्य प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत भगवान बिरसा मुंडा की स्तुति और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि जितेंद्र कुमार सिंह ने झारखंड पवेलियन में लगे स्टालों की सराहना की और ट्रेड फेयर को राज्य के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा, “झारखंड अपने खनिज संसाधनों, कला और संस्कृति के लिए देश में एक अलग पहचान रखता है। हमारा प्रदेश विकास के लिए सभी वर्गों को साथ लेकर काम कर रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड स्थापना दिवस और राज्य दिवस का एक साथ आयोजन प्रदेश के लिए गर्व की बात है।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन
राज्य दिवस के अवसर पर एम्फीथियेटर में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इन कार्यक्रमों में झारखंड के पारंपरिक नृत्यों का प्रदर्शन किया गया, जिसमें शामिल थे:

– मानभूम छऊ नृत्य: प्रभात कुमार महतो और उनके समूह द्वारा।
– पाइका नृत्य: गुलाप कुमार महतो और समूह द्वारा।
– मुंडारी नृत्य: सुखराम पाहन द्वारा।
– नागपुरी नृत्य: सुलेखा कुमारी द्वारा।
– सरायकेला छऊ नृत्य: गोबिंद महतो और उनके समूह द्वारा।
इन नृत्यों ने झारखंड की विविध सांस्कृतिक परंपराओं को जीवंत किया और दर्शकों ने इनकी भूरि-भूरि प्रशंसा की।
झारखंड का विकास और भविष्य
झारखंड पवेलियन में राज्य की विकास योजनाओं, खनिज संसाधनों और उद्योगों को प्रदर्शित किया गया। राज्य के सचिवों और अधिकारियों ने इसे प्रदेश की प्रगति का एक आदर्श मंच बताया। झारखंड न केवल अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सहेज रहा है, बल्कि सभी क्षेत्रों में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल करने की दिशा में अग्रसर है।
झारखंड राज्य दिवस का यह आयोजन प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान और विकास यात्रा का प्रतीक बना। यह न केवल प्रदेशवासियों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है। झारखंड का यह आयोजन राज्य की गौरवशाली परंपराओं और भविष्य की विकास यात्रा का परिचायक है।
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