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पुणे–सिंगापुर फ्लाइट बंद: क्या छोटे शहरों से विदेश जाने का सपना टूट रहा है?

IMPACT रिपोर्ट | ये सिर्फ एक फ्लाइट नहीं, भारत के टियर-2 शहरों की ग्लोबल कनेक्टिविटी पर बड़ा सवाल है

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pune singapore flight closed: हाल ही में एयर इंडिया ने पुणे से सिंगापुर जाने वाली सीधी उड़ान को अस्थायी रूप से 15 जुलाई तक निलंबित कर दिया है। इस फैसले ने सिर्फ यात्रियों को ही नहीं, बल्कि उन हज़ारों युवाओं, स्टार्टअप फाउंडर्स और बिजनेस प्रोफेशनल्स को झटका दिया है जो पुणे जैसे मिड-टियर शहरों से इंटरनेशनल हब तक सीधी पहुंच को भारत की प्रगति का संकेत मानते थे। सवाल ये है कि क्या ये सिर्फ एक रूट की बात है या भारत के छोटे शहरों की ग्लोबल एक्सेस वाकई खतरे में है?

टियर-2 शहरों की उड़ानें क्यों जरूरी
पुणे, लखनऊ, कोयंबटूर, जयपुर जैसे टियर-2 शहर अब सिर्फ ‘स्लीपर टाउन’ नहीं रहे। यहां से सॉफ्टवेयर इंजीनियर, एनआरआई स्टूडेंट्स, बिजनेस डेलीगेशन और मेडिकल टूरिस्ट हर महीने बड़ी संख्या में विदेश जाते हैं। खासकर पुणे की बात करें तो यहां से सिंगापुर जैसे टेक और शिक्षा हब तक सीधी फ्लाइट होना इस शहर की आर्थिक और रणनीतिक पहचान बन गई थी। इसका बंद होना मतलब सिर्फ ट्रैवल में दिक्कत नहीं, बल्कि एक मिड-क्लास ग्लोबल ड्रीम पर विराम है।

स्टूडेंट्स, स्टार्टअप्स और फ्रीलांसर कैसे हो रहे हैं प्रभावित?
सिंगापुर दक्षिण एशिया के लिए शिक्षा, निवेश और इनोवेशन का सबसे बड़ा केंद्र है। पुणे से वहां सीधी फ्लाइट उन छात्रों के लिए ‘लाइफलाइन’ थी जो NUS, INSEAD या SMU जैसे संस्थानों में पढ़ाई करने जा रहे थे। वहीं स्टार्टअप संस्थापकों और डिज़िटल फ्रीलांसर्स के लिए यह उड़ान **नेटवर्किंग, पिचिंग और फंडिंग इवेंट्स तक जल्दी पहुंच का साधन थी। अब इस उड़ान के बंद होने से 8–12 घंटे का अतिरिक्त ट्रांजिट समय, खर्च और वीज़ा शिफ्टिंग की झंझट बढ़ गई है।

क्या ये सिर्फ सीजनल डिसरप्शन है या बड़ी समस्या?
एयर इंडिया का कहना है कि उड़ान बंद करने का कारण “कमर्शियल viability” है। लेकिन असली सवाल ये है कि क्या भारत के मिड-टियर शहरों से **इंटरनेशनल रूट्स** अब सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित हो रहे हैं? मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु से भरपूर उड़ानें हैं, लेकिन जो नया भारत लखनऊ, इंदौर या कोच्चि से उठ रहा है — क्या वो फ्लाइट नेटवर्क से अछूतारह जाएगा? सरकार और एयरलाइनों को चाहिए कि वे इसे सिर्फ “प्रॉफिट” के नजरिए से नहीं, बल्कि “कनेक्टिविटी इन इक्विटी”  के रूप में देखें।

उड़ान सिर्फ आसमान की नहीं होती, सपनों की भी होती है
पुणे-सिंगापुर उड़ान का रुकना हमें ये याद दिलाता है कि ग्लोबल इंडिया तभी बन सकता है जब छोटे शहरों को भी वही सुविधाएं, वही अवसर और वही पहुंच मिले जो मेट्रो शहरों को मिलती है। ये सिर्फ एक ट्रैवल अपडेट नहीं, एक पॉलिसी वार्निंग है। भारत को ग्लोबल एक्सेसिबिलिटी के लिहाज से समावेशी बनाना होगा, नहीं तो नया भारत रनवे पर ही अटक जाएगा

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