NDMC:अपने क्षेत्र को चन्दन की खुशबु से महकाएगी
एनडीएमसी अध्यक्ष ने नई दिल्ली क्षेत्र में चंदन के पौधे लगाने के लिए विशेष अभियान का शुभारंभ किया।

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नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह भल्ला ने मंगलवार पालिका मुख्यालय पालिका केंद्र में चंदन का एक पौधा लगाकर नई दिल्ली क्षेत्र के लिए एक विशेष वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत की, इसके अंतर्गत पूरे नई दिल्ली क्षेत्र में एक हज़ार चंदन के पौधों का रोपण किया जाएगा। इस अवसर पर उनके साथ पालिका परिषद सचिव, विक्रम सिंह मलिक, वित्तीय सलाहकार पुष्कल उपाध्याय ने भी पौधरोपण किया।
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने जुलाई में दिल्ली के सभी नगर निकायों को इस मौसम के दौरान दस हज़ार चंदन के पेड़ पूरी दिल्ली में लगाने का निर्देश दिया था। उपराज्यपाल के निर्देशों के अनुसार, पालिका परिषद साल के आखिरी महीने में राजधानी में जी 20 शिखर सम्मेलन से पहले ही नई दिल्ली क्षेत्र के सौंदर्यीकरण के लिए एक योजना तैयार कर रही है, जिसके अंतर्गत, एनडीएमसी ने चंदन जैसे प्रमुख पौधों के साथ इस क्षेत्र को एक सौंदर्य पूर्ण रूप देने के लिए मौसमी फूलों के पौधों के अलावा विभिन्न प्रजातियों के पौधों को उगाने सहित उपायों की योजना भी बनाई है ।
अपने क्षेत्र में पालिका परिषद चंदन के पेड़ लगाने की योजना बना रही है, जिसमें लाल और सफेद चंदन के एक हजार पौधे लगाए जाएंगे। यह अपने क्षेत्र में पहली बार है कि जब एनडीएमसी द्वारा इस प्रकार का विशेष वृक्षारोपण अभियान शुरू किया गया है। पालिका परिषद के उत्तरी क्षेत्र में चंदन के लगभग 400 पौधे और दक्षिणी क्षेत्र में 600 पौधे लगाए जाएंगे।
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद पहले ही लोधी गार्डन और तालकटोरा गार्डन में कुछ चंदन के पेड़ लगा चुकी है। इस अभियान मेंनेहरू पार्क और संजय झील के स्थलों को भी वृक्षारोपण के लिए तय किया गया है। अब एनडीएमसी इन चंदन के पेड़ों के अधिकतम पैदावार को सुनिश्चित करने के लिए अलग-अलग वृक्षारोपण के लिए जाने के बजाय बंद या एक ही स्थान पर पौधरोपण किया जाएगा। यह पौधरोपण भावी पीढ़ी के लिए एक हरित संपत्ति भी होगी।
अरावली क्षेत्रों में लगाए गए चंदन के पेड़ अभी तक जीवित है, इसलिए यह सिद्ध है कि जीवित रहने के लिए यहां के पर्यावरण के अनुकूल हो सकते हैं। वृक्षारोपण अभियान में सर्दियों का मौसम आने से पहले पर्याप्त समय है, इसलिए ये चन्दन के पौधे के लिए तब तक अनुकूल वातावरण हो सकेगा।