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बच्चों के नृत्य से झूम उठे दर्शक

एक सोलो नृत्य अनुयज्ञा के द्वारा प्रस्तुत किया गया। उसे देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे स्वयं मंच पर पद्मश्री सुश्री कमलिनी नृत्य कर रही हैं। ऐसे शिष्य को पाकर गुरू भी धन्य हो जाते हैं।

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लोक कला मंच के सभागार में संगीतिका नाटय विद्यालय के छात्राओं का कत्थक नृत्य का कार्यक्रम था। सभी बच्चे बहुत ही उत्साही थे। कार्यक्रम में भाग लेने वालों में छोटे-छोटे बच्चों से लेकर बड़े बच्चे भी थे। प्रसिद्ध कत्थक गुरू पंडित जितेंद्र महाराज से बच्चे यहां नृत्य की शिक्षा लेते हैं और इसकी डायरेक्टर पद्मश्री सुश्री नलिनी अस्थाना हैं। कार्यक्रम की शुरुआत सबसे पहले गुरू वंदना से हुई जिसमें छोटे-छोटे बच्चों ने अपने भाव-भंगिमा से सभी का दिल जीत लिया। जबकि ये बच्चे एक या दो साल से ही नृत्य सीख रहे हैं। फिर भी देखने से ऐसा नहीं लग रहा था कि ये नए बच्चे हैं। इसके बाद बड़े बच्चों ने माखन चोरी और सुरदास पर अपना कार्यक्रम देकर अपने गुरू का नाम रोशन किया। जो काफी सराहनीय है।


एक सोलो नृत्य अनुयज्ञा के द्वारा प्रस्तुत किया गया। उसे देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे स्वयं मंच पर पद्मश्री सुश्री कमलिनी नृत्य कर रही हैं। ऐसे शिष्य को पाकर गुरू भी धन्य हो जाते हैं। ग्रुप में शाम्भवी शर्मा और युक्ती ने बहुत अच्छा परफार्म किया। जबकि ये दोनों लड़कियां सातवीं कक्षा की छात्रा हैं, लेकिन इनके नृत्य को देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे ये मंझी हुई कलाकार हैं। कार्यक्रम के अंत में देव्यांशी, गौरी, प्राणवी और सारा ने एक ताल और बारह मात्रा पर अद्धभूत प्रस्तुती देकर सबका मन मोह लिया।

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