नवरस की प्रस्तुति “अरे गड़बड़ी हो गई” ने दर्शकों को खूब हंसाया
नाटक की सबसे बड़ी खासियत इसकी पटकथा है, जो दर्शकों को हंसी के ठहाकों से भर देती है

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दिल्ली के मंडी हाउस स्थित श्री राम सेंटर में हाल ही में नवरस द्वारा प्रस्तुत और राज उपाध्याय द्वारा निर्देशित नाटक “अरे गड़बड़ी हो गई” का भव्य मंचन हुआ। यह नाटक प्रसिद्ध संस्कृत नाटक भगवदज्जुकम् का आधुनिक रूपांतरण है, जिसमें हास्य, भ्रम और अप्रत्याशित घटनाओं का अनूठा संगम देखने को मिला।
कहानी की रोचक पृष्ठभूमि
नाटक की कहानी एक साधारण प्रेम कहानी से शुरू होती है, लेकिन जैसे-जैसे घटनाएं unfold होती हैं, यह हास्य और भ्रम की शानदार मिसाल बन जाती है। मुख्य पात्र सुषमा, जो रमेश से प्रेम करती है, उससे विवाह करने की इच्छुक होती है, लेकिन उसकी राह में एक बड़ी बाधा है – उसके पिता। सुषमा के पिता उसकी शादी एक एनआरआई लड़के कमलेश से करना चाहते हैं, जो आर्थिक रूप से संपन्न और प्रतिष्ठित परिवार से संबंध रखता है।
इस विवाह को लेकर घर में तनाव बढ़ता है, और यहीं से नाटक की असली कहानी शुरू होती है। परिस्थितियां तब और भी जटिल हो जाती हैं जब एक बुद्धिमान गुरुजी और कुछ दिव्य प्राणियों का प्रवेश होता है। नाटक में हास्य का चरम उस समय आता है जब दो आत्माएं अलग-अलग शरीरों में प्रवेश कर जाती हैं, जिससे पूरे घर में अफरातफरी और मजेदार घटनाओं की बाढ़ आ जाती है।
गलतफहमियों का भंवर और अप्रत्याशित मोड़
नाटक की सबसे बड़ी खासियत इसकी पटकथा है, जो दर्शकों को हंसी के ठहाकों से भर देती है। यमलोक से आए यमदूत गलती से आत्माओं की अदला-बदली कर देते हैं, जिससे सुषमा, रमेश, कमलेश और अन्य पात्रों के बीच अजीबोगरीब परिस्थितियाँ पैदा हो जाती हैं। एक साधारण प्रेम त्रिकोण अचानक एक अलौकिक ड्रामा में बदल जाता है, जिसमें हास्य और रोमांच दोनों का भरपूर मिश्रण है।
जब यमदूतों को अपनी गलती का अहसास होता है, तब तक नाटक अपने चरम पर पहुँच चुका होता है। अंततः सुषमा को भी यह समझ में आ जाता है कि उसके लिए कमलेश ही सही जीवनसाथी है और शादी की उलझनों के बीच सब कुछ सही दिशा में मुड़ जाता है।
मंचन और दर्शकों की प्रतिक्रिया
राज उपाध्याय के निर्देशन में यह नाटक एक बेहतरीन प्रस्तुति साबित हुआ। नवरस थियेटर ग्रुप के कलाकारों ने अपने शानदार अभिनय से हर किरदार में जान डाल दी। पात्रों की संवाद अदायगी, हावभाव और कॉमिक टाइमिंग ने दर्शकों को हंसी से लोटपोट कर दिया।
श्री राम सेंटर में उपस्थित दर्शकों ने नाटक की ऊर्जावान प्रस्तुति, अद्भुत हास्य और रोचक कहानी की खूब सराहना की। यह नाटक न सिर्फ एक हल्के-फुल्के मनोरंजन का जरिया बना बल्कि इसने यह भी दिखाया कि कैसे भ्रम, संयोग और हास्य का संयोजन एक साधारण कहानी को असाधारण बना सकता है।
“अरे गड़बड़ी हो गई” एक ऐसा नाटक है जो हास्य और रोमांच के साथ-साथ मानवीय भावनाओं को भी छूता है। यह नाटक बताता है कि कभी-कभी गलतफहमियां भी सही राह दिखा सकती हैं और नियति का खेल अनोखे तरीकों से हमें हमारी मंज़िल तक पहुंचा सकता है।


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