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Madhya Pradesh election: महाभारत की तरह इस बार चुनाव में दिखेगी रिश्तों की भूमिका

बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने प्रदेश की 5 विधानसभा सीटों पर रिश्तेदारों को टिकट दिया है वो एक दुसरे के सामने चुनाव लड़ रहे हैं

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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 इस बार और भी रोचक होने वाला है। दोनों पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस पार्टी की और से कई विधानसभा सीटों पर रिश्तों की टक्कर देखने को मिलेगी। दोनों पार्टियों ने प्रदेश की 5 विधानसभा सीटों पर रिश्तेदारों को टिकट दिया है वो एक दुसरे के सामने चुनाव लड़ रहे हैं।
     मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की सबसे चर्चित सीट डबरा विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की सबसे करीबी नेता इमरती देवी को टिकट दिया गया है। इमरती देवी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी ज्वाइन की थी। डबरा विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी ने वर्तमान विधायक सुरेश राजे को टिकट दिया है। जानकारी के लिए बता दें कि दोनों पार्टी के उम्मीदवार रिश्ते में समधी-समधन हैं। दोनों नेता 2020 के विधानसभा के लिए हुए उपचुनाव में भी आमने-सामने थे। तब कांग्रेस पार्टी की ओर सुरेश राजे को टिकट दिया गया था और इन्होंने जीत करते हुए बीजेपी की उम्मीदवार और अपनी समधन इमरती देवी को हरा दिया था।
     मध्य प्रदेश की सागर विधानसभा सीट पर रिश्तेदारी आमने-सामने हैं। रिश्ते में जेठ-बहु एक दूसरे के सामने चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी ने सागर विधानसभा सीट से शैलेंद्र जैन को टिकट दिया। वंही कांग्रेस पार्टी ने निधि जैन को टिकट दिया है। दोनों उम्मीदवार रिश्ते में आपस में जेठ और बहू लगते है। कांग्रेस उम्मीदवार निधि जैन, भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार शैलेंद्र जैन के छोटे भाई सुनील जैन की धर्मपत्नी हैं।
     मध्य प्रदेश की देवतालाब विधानसभा सीट पर चाचा-भतीजे आमने-सामने हैं। भारतीय जनता पार्टी ने देवतालाब विधानसभा सीट से विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को उम्मीदवार बनाया है। वंही कांग्रेस पार्टी ने पद्मेश गौतम को टिकट दिया है। जो गिरीश गौतम के सगे भाई का पुत्र है। बीजेपी के उम्मीदवार गिरीश गौतम इस विधानसभा सीट से साल 2008 से लगातार चुनाव जीत रहें हैं।
     मध्य प्रदेश की टिमरनी विधानसभा सीट पर चाचा भतीजा आमने-सामने हैं। भारतीय जनता पार्टी ने वर्तमान विधायक संजय शाह को टिमरनी विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस पार्टी ने वर्तमान विधायक संजय शाह के भतीजे अभिजीत शाह को टिमरनी विधानसभा सीट से टिकट दिया है। बीजेपी नेता संजय शाह साल 2008 से इस सीट से लगातार चुनाव जीत रहे हैं। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भी इस विधानसभा सीट पर चाचा-भतीजे आमने-सामने थे। तब करीबी मुकाबले में चाचा ने अपने भतीजे को चुनाव हरा दिया था।
     मध्य प्रदेश की नर्मदापुरम विधानसभा सीट पर 2 सगे भाई आमने-सामने हैं। भारतीय जनता पार्टी ने सीताशरण शर्मा को एक बार फिर से उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस पार्टी ने सीताशरण शर्मा के सगे भाई गिरिजाशंकर शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले गिरिजाशंकर शर्मा भारतीय जनता पार्टी के सदस्य थे। इस सीट पर दोनों सगे भाइयों ने 33 सालों से अपना कब्ज़ा बनाए रखा है। गिरिजाशंकर शर्मा भी साल 2003 और 2008 में इस सीट से बीजेपी के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं।
-ओम कुमार
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