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उज्जैन में सोमवार को लाखों महादेव भक्तों ने बाबा श्री महाकाल के दर्शन किए

बड़ी संख्या में राजनेता भी भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचते हैं।

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मध्यप्रदेश के पवित्र नगरी उज्जैन में बाबा श्री महाकाल के दर्शन के लिए सावन के पावन सोमवार को लगभग 5 लाख 30 हजार महादेव के भक्तों ने दर्शन किए। सावन का पवित्र महीना होने के कारण बाबा महाकाल के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लगातार भीड़ देखने को मिल रही है। सभी महादेव के भक्त बाबा महाकाल के दर्शन करके आशीर्वाद प्राप्त कर जीवन को धन्य करना चाहते हैं। बाबा महाकाल आपने भक्तों पर अपनी आपार कृपा बरसाते रहते हैं।
     श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर संदीप कुमार सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि “पवित्र श्रावण माह में श्रद्धालुओं की गणना करने के लिए स्मार्ट सिटी द्वारा लगाई गई हेड काउंट डिवाइस के माध्यम से यह जानकारी मिली है कि,14 अगस्त को लगभग 5 लाख 30 हज़ार से अधिक दर्शनार्थियों ने श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन किए।  जिसमे से 52 हजार 166 भक्तों ने चलित भस्मार्ती के दर्शन किये। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा सामान्य दर्शनार्थियों के लिए सुगम दर्शन की व्यवस्था की गई है।
     बाबा श्री महाकाल की नगरी उज्जैन में पवित्र श्रावण मास में महाकाल के श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड स्तर पर आगमन हो रहा है। श्री महाकाल महालोक बनने के बाद श्रावण मास में 4 जुलाई से लेकर अब तक 1 करोड़ 15 लाख से अधिक श्रद्धालु भगवान महाकालेश्वर के दर्शन कर चुके हैं।
     श्री महाकालेश्वर भगवान की सोमवार को सवारी निकलने के पहले मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर की पूजा-अर्चना की। पूजन शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा द्वारा संपन्न कराई गई। इस दौरान सभा मंडप में अनेक जनप्रतिनिधि मंदिर के पुजारीगण उपस्थित रहे। जिन्होंने भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन-अर्चन किया और आरती में सम्मिलित हुए।
     मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव भी इसी साल के अंत तक होने है। सभी राजनेता मध्यप्रदेश में सत्ता प्राप्त करने के लिए बाबा महाकाल में अपनी अरदास लगाने जरूर पहुंचते हैं। वंही सावन के छठे सोमवार भगवान महाकाल की शरण में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ पहुंचे। उन्होंने पहले महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर विधि विधान के साथ भगवान महाकाल की पूजा-अर्चना की। इसके बाद में भगवान महाकाल की सवारी में शामिल हुए। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पालकी को कंधा भी दिया इसके बाद मंदिर से रवाना हो गए।
     जानकारी के लिए बता दें इसके पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी भगवान महाकाल के दरबार में पहुंच थे। वे भी सावन के सोमवार को परिवार सहित सवारी में शामिल हुए थे। उनके साथ उनकी पत्नी साधना सिंह चौहान और उनके पुत्र ने भी बाबा महाकाल के दर्शन किए, और बाबा का आशिर्वाद प्राप्त किया। गौरतलब है कि चुनावी रण में उतरने से पहले नेताओं द्वारा भगवान महाकाल का आशीर्वाद जरूर लिया जाता है। विधानसभा चुनाव ही नहीं बल्कि लोकसभा चुनाव में भी बड़ी संख्या में राजनेता भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचते हैं।
-ओम कुमार
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