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NDMC:आगामी होली त्योहार की वाइब्स दे रहा है, रंग-बिरंगे फूलों का खिलना
एनडीएमसी कंक्रीट सेंट्रल वर्ज में फूलों की क्यारियां पूर्वनिर्मित प्लांटर्स में विकसित करने वाला बना पहला नागरिक निकाय – सतीश उपाध्याय
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नई दिल्ली क्षेत्र के सौंदर्यीकरण को बढ़ाने और इससे यहां खुशी और सकारात्मक वाइब्स बनाए रखने के उद्देश्य से नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) बाराखंभा रोड के कंक्रीट सेंट्रल वर्ज पर लगभग आधा किलोमीटर क्षेत्र में पूर्वनिर्मित प्लांटर में पेटुनिया फूलों की क्यारियों के साथ विकसित किया है। जो कि माननीय प्रधान मंत्री के “स्वच्छ भारत मिशन” और भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्षों को “आजादी का अमृत महोत्सव” के रूप में मनाया जाने के अवसर पर किया गया है, यह जानकारी आज एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने दी।
इस परियोजना का विवरण देते हुए उपाध्याय ने कहा कि बाराखंभा रोड कार्यालयों के भवनों से घिरा हुआ है, जो भीड़भाड़ और हलचल से भरे हुए हैं। यही कारण है कि एनडीएमसी बिना किसी खुदाई के काम के सड़कों के बीच कंक्रीट की सतह में प्लांटर्स विकसित करने के लिए नई तकनीकों का उपयोग करके परिषद् ने पहल की है। और यह पहल न केवल इस क्षेत्र में एकरूपता और सुंदर रूप प्रदान करती है, बल्कि यह स्थिति यहां सुखद वातावरण, खुशी और आनन्द का क्षेत्र भी देती है, जिसमें समान ऊंचाई वाले फूलों के समान स्तर के फूलों के साथ आधे किलोमीटर के फैले रास्ते में फैले फूलों के बिछे कालीन की तरह दिखता है। उन्होंने कहा कि पेटुनिया फूल खिले रहने की अवधि मई अंत तक है और विशेष रूप से इस फूल को लगाने का कारण यह है कि इसमें विभिन्न प्रकार के रंग होते हैं जिनकी जीवन अवधि अन्य की तुलना में लंबी होती है। पटुनिया फूल कम पत्तेदार और ज्यादा फूलदार होते है।
सतीश उपाध्याय ने इस प्रकार की पहल करने के लिए बागवानी विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि बाराखंभा रोड़ का पूरा रास्ता एक ठोस कंक्रीट के आधार पर है। उन्होंने कहा कि एनडीएमसी पूरे वर्ष के लिए इस फ्लावर एवेन्यू को विकसित करने और बनाए रखने की योजना बना रहा है। एनडीएमसी के बागवानी विभाग द्वारा प्री-फैब्रिकेशन को छोड़कर पूरा काम बहुत ही मामूली लागत के साथ पूरा किया गया है। प्री-फैब्रिकेशन फूलदानो को बनाना और फिर अलग करना बहुत आसन है जिसे उनके उपयोग के अनुसार किसी भी समय कहीं भी स्थानांतरित किया जा सकता है।
पालिका परिषद के बागवानी विभाग के निदेशक एस चेल्लैया ने परियोजना का तकनीकी ब्यौरा देते हुए कहा कि इन बागानों की क्यारियों में मिट्टी की गहराई 6 से 8 इंच और चौड़ाई लगभग 2 मीटर है और इसमें दो परत पहली परत भू-वस्त्र और दूसरी परत हरे रंग की बनावट है, जिसमें मिट्टी को बाहर नहीं जाने देने की गुणवत्ता होती है। उन्होंने कहा कि इसमें हमारे विभाग की ही श्रम और निर्माण लागत अतिरिक्त शामिल है, जिसे हमने कम समय में पूरा किया। उन्होंने कहा कि हमने अपने मालियों (गार्डनर) को कम ट्रैफिक होने की समयावधि के दौरान ही छिड़काव के माध्यम से पानी देने के लिए प्रशिक्षित किया।
एस चेल्लैया ने यह भी कहा कि पेटुनिया फूल के बाद एनडीएमसी एक पैटर्न तरीके से सफेद और बैंगनी रंग में एक “सदाबहार” देसी किस्म लगाने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि सदाबहार में कम पानी में जीवित रहने की गुणवत्ता है, जिसे हम जून से लगाने की योजना बना रहे हैं और जो वह नवंबर तक जीवित रहेगा।
बागवानी विभाग के टीम वर्क की सराहना करते हुए सतीश उपाध्याय ने कहा कि यह पहली बार है जब एनडीएमसी ने इस तरह का प्रयोग शुरू किया है, जिसमें बागवानी विभाग के प्रयासों से हमें सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि एनडीएमसी अन्य नगर निकायों के लिए एक आदर्श है क्योंकि इससे पहले किसी ने भी इस तरह की अनूठी पहल नहीं की थी। NDMC ने अपने क्षेत्र के गोलचक्करों, प्रमुख पार्कों – नेहरू पार्क, लोधी गार्डन, सेंट्रल पार्क-सीपी, तालकटोरा गार्डन में भी रंग-बिरंगे फूलों की विभिन्न प्रजातियों की सुंदरता का रखरखाव कर रही है। उन्होने जनता से आग्रह किया कि वह इन पार्कों का दौरा करें और इन फूलों की खिलती सुंदरता का हिस्सा बनें।
सतीश उपाध्याय ने कहा कि इन प्रयासों की प्रतिक्रिया जीवन के हर क्षेत्र से उत्कृष्ट है। उन्होंने कहा कि इन खूबसूरत फूलों को देखकर न केवल सकारात्मक वाइब्स, तनाव मुक्त वातावरण मिलता है, बल्कि इस क्षेत्र में काम करने वाले आगंतुकों और नियोक्ताओं को विशेष रूप से खुशी भी मिलती है। उन्होंने कहा कि एनडीएमसी की यह पहल तब और खुशी पैदा करती है जब जीवन कठिन हो जाता है और यह प्रयास अंधेरे में प्रकाश की भूमिका निभाता है। लोग नियमित रूप से तस्वीरें लेकर इन क्षणों को कैप्चर कर रहे हैं और साथ सोशल मीडिया, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया भी लुटियंस दिल्ली की सुंदरता पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।