“बचपन में डाली गई आदतें जीवनभर बच्चे के साथ रहती है”
प्राणायाम में सक्षम आर्य ने मारी बाज़ी
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हरियाणा राज्य बाल विकास परिषद द्वारा राज्यस्तरीय ग्रीष्मकालीन शिविर का आयोजन 17 मई से 6 जून 2021 तक किया गया जिसमें विभिन्न प्रतियोगिताओं जैसे चित्रकला, गायत्री मंत्र, देश भक्ति गीत, निबंध लेखन, योग, प्राणायाम, नृत्य आदि में छात्रों को भाग लेने के लिए उत्साहित किया गया। इन प्रतियोगिताओं की खास बात यह रही कि सभी विद्यार्थियों ने घर बैठकर ही इनमें हिस्सा लिया।
प्राणायाम प्रतियोगिता में मास्टर सक्षम आर्य ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। सक्षम ने अनुलोम विलोम व भस्त्रिका प्राणायाम के साथ.साथ उसे करने की विधि भी बताई तथा प्राणायाम से होने वाले लाभों से भी सभी को परिचित करवाया।
सक्षम के नाना श्री बिशन स्वरूप ने योग और प्राणायाम के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि अब सारी दुनिया के लोग इस ओर आकर्षित हो रहे हैं। अपने आप को स्वस्थ रखने का इससे सरल व सुगम उपाय और कोई भी नहीं है। उन्होंने कहा यदि हमें स्वस्थ रहना है तो हमें योग करना ही होगा। उन्होंने बताया प्राणायाम योग के आठ अंगों में से एक है। अष्टांग योग में आठ प्रक्रियाएँ होती हैं. यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, तथा समाधि। प्राणायाम = प्राण+आयाम। इसका शाब्दिक अर्थ है. ‘प्राण को लम्बा करना’। प्राण या श्वास का आयाम या विस्तार ही प्राणायाम कहलाता है।
सक्षम की माता व शिक्षिका मनीषा आर्या ने बताया योग व प्राणायाम करने से शरीर को ऊर्जा मिलती है। इससे एनर्जी लेवल भी बढ़ता है। बचपन में दी गई सही आदतें एक बच्चे के जीवनभर साथ रहती है। लेकिन आज के समय में दिनभर मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर आदि का अधिक इस्तेमाल करने के कारण बच्चों पर मानसिक और शारीरिक रूप से गलत प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा गैजेट्स का अधिक इस्तेमाल करने से उन्हें आंखों संबंधी समस्या, कमर दर्द, सिरदर्द, डिप्रेशन जैसी न जाने कितनी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बच्चे अगर सुबह.सुबह रोजाना योग करे तो वह शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहेंगे। इसके साथ ही उनका शरीर फुर्तीला और दिमाग तेजी से काम करेगा।