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Indore: शंकर लालवानी की ऐतिहासिक जीत, 10 लाख वोटों से बड़े अंतर से विजयी

इंदौर लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा पड़े वोटों के बाद नोटा पर पड़े वोट की चर्चा भी हो रही है। इस सीट पर नोटा (NOTA) पर 2 लाख 18 हजार 674 वोट पड़े। नोटा पर पड़े इतने अधिक वोटो से ये एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड बन गया है

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लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे मंगलवार को सामने आए। लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश (MP) की इंदौर लोकसभा सीट पर देश की सबसे बड़ी जीत दर्ज की गई है। इंदौर लोकसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार शंकर लालवानी ने 10 लाख 8 हजार 77, वोट के बहुत बड़े अंतर से चुनाव जीतकर रिकॉर्ड बनाया है। इस लोकसभा सीट पर बीजेपी का उम्मीदवार 35 साल से लगातार जीतता आया है। वर्तमान के मौजूदा लोकसभा चुनाव में देश भर की 543 लोकसभा सीट में ये सबसे बड़े अंतर से जीती गई लोकसभा सीट होगी।
     कांग्रेस पार्टी (Congress) के उम्मीदवार के आखिरी दिन अपने कारणों से नामांकन पत्र वापिस लेने से कांग्रेस पार्टी इंदौर लोकसभा सीट के चुनाव से बाहर हो गई थी। शंकर लालवानी ने कुल 12 लाख 26 हजार 751 वोट प्राप्त किए। वंही उनके सामने बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार संजय सोलंकी ने 51 हजार 659 वोट हासिल किए। वंही साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान शंकर लालवानी ने अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी पंकज संघवी को 5 लाख 48 हजार वोट के लगभग से हराया था।
     वंही इंदौर लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा पड़े वोटों के बाद नोटा पर पड़े वोट की भी चर्चा हो रही है। इस सीट पर नोटा (NOTA) पर 2 लाख 18 हजार 674 वोट पड़े। नोटा पर पड़े इतने अधिक वोटो से ये एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड बन गया है।
     इंदौर लोकसभा सीट पर प्रचंड जीत दर्ज करने के बाद बीजेपी उम्मीदवार शंकर लालवानी ने बोलते हुए कहा कि “इंदौर में बीजेपी की जीत प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की जीत है। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार (पंकज संघवी) को जितने वोट मिले थे, इस बार उसके आधे वोट भी कांग्रेस के समर्थन वाले नोटा को नहीं मिल सके। यह दर्शाता है कि इंदौर की जनता ने कांग्रेस को नकार दिया है। वह सांसद के तौर पर अपने नए कार्यकाल के दौरान इंदौर में यातायात, पेयजल और पर्यावरण के क्षेत्रों को प्राथमिकता देते हुए काम करेंगे।”
     इंदौर लोकसभा सीट पर कांग्रेस की ओर से अधिकारिक उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने कांग्रेस पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए नामांकन की आखिरी तारीख 29 अप्रैल को अपना नामांकन पत्र वापिस ले लिया था और उसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए थे। इंदौर लोकसभा सीट के 72 साल के इतिहास में कांग्रेस पहली बार चुनावी दौड़ से बाहर हो गई थी। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने स्थानीय वोटरों से अपील की कि वे ईवीएम पर ‘नोटा’ का बटन दबाकर बीजेपी को सबक सिखाएं।
-ओम कुमार
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