भारत का पहला संविधान संग्रहालय उद्घाटन को तैयार
ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में होगा उद्घाटन, यह ऐतिहासिक आयोजन शनिवार, 23 नवंबर 2024 को सोनीपत स्थित विश्वविद्यालय में आयोजित होगा

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नई दिल्ली: ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (JGU) ने गर्व के साथ भारत के पहले संविधान संग्रहालय के उद्घाटन और राष्ट्रीय संविधान सम्मेलन के उद्घाटन सत्र की घोषणा की है। यह ऐतिहासिक आयोजन शनिवार, 23 नवंबर 2024 को सोनीपत स्थित विश्वविद्यालय में आयोजित होगा।
इस महत्वपूर्ण समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और विश्वविद्यालय के चांसलर एवं सांसद नवीन जिंदल मुख्य अतिथि होंगे।
संविधान संग्रहालय: भारतीय लोकतंत्र का प्रतीक
JGU ने इस संग्रहालय की स्थापना भारतीय लोकतंत्र और संविधान की गहराई को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से की है। संग्रहालय में 75 वर्षों की संवैधानिक यात्रा को इंटरैक्टिव और आकर्षक प्रदर्शनियों के माध्यम से दिखाया जाएगा। यह संग्रहालय टेक्स्ट, ऑडियो-विजुअल और अनुभवात्मक प्रारूपों में संविधान की प्रासंगिकता को उजागर करेगा।
चांसलर नवीन जिंदल ने कहा:
“हम इस संविधान संग्रहालय को राष्ट्र को समर्पित करते हैं, ताकि हमारे युवाओं को संविधान से प्रेरित किया जा सके। यह अनोखी पहल हमारे लोकतांत्रिक ढांचे और संविधान के मूल सिद्धांतों को सहेजने और समझाने का एक बड़ा प्रयास है।”
S.A.M.V.I.D. प्रोजेक्ट और तकनीकी सहयोग
संग्रहालय अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी, एआई आधारित इंटरैक्टिव अनुभवों, 3डी इंस्टॉलेशन और प्रगतिशील प्रदर्शनों से सुसज्जित होगा
IIT मद्रास के तकनीकी सहयोग से S.A.M.V.I.D. प्रोजेक्ट, संविधान सभा के सदस्यों की प्रोफाइल और उनके योगदान को गहनता से समझाएगा।
JGU के कुलपति, प्रोफेसर (डॉ.) सी. राज कुमार ने कहा:
“साल 2024 भारतीय संविधान के 75 वर्षों का प्रतीक है। यह संग्रहालय संविधान की गहराई और उसकी प्रासंगिकता को समझने और भविष्य की पीढ़ियों को शिक्षित करने के लिए समर्पित है।”
26 नवंबर 2024: संविधान दिवस व्याख्यान
संविधान संग्रहालय और ‘राइट्स एंड फ्रीडम्स अकादमी’ का समर्पण समारोह 26 नवंबर को आयोजित होगा। इस दिन प्रोफेसर गोपालकृष्ण गांधी संविधान दिवस व्याख्यान देंगे।
संग्रहालय की प्रमुख विशेषताएं
- संविधान की हस्तलिखित प्रतियां और कलाकृतियां:
संविधान के मूल दस्तावेज और उससे प्रेरित कलाकृतियों का प्रदर्शन। - प्रमुख मूर्तियां:
‘व्ही, द पीपल ऑफ इंडिया’, ‘इंसाफ की देवी’, और ‘त्रायड ऑफ यूनिटी’ जैसी कृतियां। - बच्चों के लिए इंटरएक्टिव कॉर्नर:
यह अनुभाग बच्चों को संविधान के विभिन्न पहलुओं को रोचक तरीके से समझाने में मदद करेगा। - निरंतर विकसित होती आर्काइव:
भारतीय संविधान और मौलिक अधिकारों के विकास को दर्शाने वाला संग्रह।
संग्रहालय की क्यूरेटर सुश्री अंजचिता बी. नायर ने कहा:
“यह संग्रहालय पारंपरिक संग्रहालयों से अलग है। इसका उद्देश्य संविधान को जनसामान्य के करीब लाना और उसमें गर्व की भावना उत्पन्न करना है।”
भारत की संवैधानिक यात्रा का मील का पत्थर
यह संग्रहालय न केवल भारत की संवैधानिक विरासत को संरक्षित करेगा, बल्कि नई पीढ़ियों को संविधान और उसके मूल्यों के प्रति जागरूक करेगा।
-ईशत कांत कपूर


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