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प्लास्टिक उद्योग के विकास से आत्मनिर्भर बनेगा भारत

देश में इसको बनाने से देश में लगभग 5 लाख से अधिक अतिरिक्त रोजगार के अवसर भी पैदा किए जा सकेंगे

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देश की आयात निर्भरता को कम करने और देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ऑल इंडिया प्लास्टिक मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (AIPMA) ने देश में प्लास्टिक के सामान के आयात पर एक विस्तृत अध्ययन किया है। इस अध्ययन के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 37,500 करोड़ रुपये के प्लास्टिक के सामान का आयात किया गया है। इसमें 48 फीसद सामान का आयात सिर्फ़ चीन से किया गया।
         ऑल इंडिया प्लास्टिक मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने आयात पर निर्भरता कम करने और देश में प्लास्टिक उद्योग को बढ़ावा देने के मकसद से 550 प्लास्टिक उत्पाद का चयन किया है। प्लास्टिक के आयात कम करने से और देश में इसको बनाने से देश में लगभग 5 लाख से अधिक अतिरिक्त रोजगार के अवसर भी पैदा किए जा सकेंगे।
           एआईपीएमए के अध्यक्ष मयूर डी.शाह (Mayur D.Shah) ने जानकारी देते हुए कहा कि प्लास्टिक उद्योग देश में सालाना 3.5 लाख करोड़ रुपये के सामान का निर्माण करता है और देश की अर्थव्यवस्था में इसका प्रमुख योगदान है। उन्होंने आगे कहा कि भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए भारत दुनिया का प्रीमियम सप्लाई हब बन सकता है। प्लास्टिक उद्योग इस समय देश में 5 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार देता है। इसकी 50 हजार प्रॉसेसिंग यूनिट्स हैं, जिनमें 90 फीसदी छोटे और मध्यम उद्यमों से संबंधित हैं। यह प्लास्टिक उद्योग भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।
          ऑल इंडिया प्लास्टिक मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन की गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष अरविंद मेहता (Arvind Mehta) ने जानकारी देते हुए कहा कि “डिजिटल इंडिया”, “मेक इन इंडिया” और “स्किल इंडिया” जैसी केंद्र सरकार की पहल से भारत के प्लास्टिक उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। आत्मनिर्भर पहल के तहत, भारत सरकार का लक्ष्य अन्य देशों से उत्पादों के आयात पर निर्भरता को कम करना है। इससे स्थानीय प्लास्टिक उत्पादकों को बहुत फायदा मिलेगा। आगे उन्होंने कहा कि उद्योगों को आयात पर निर्भरता कम करने और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम करने की आवश्यकता है। पहले प्रौद्योगिकी सम्मेलन का उद्देश्य नवीनतम तकनीकों और उत्पादों का आदान-प्रदान करना है ताकि आयात पर निर्भरता को कम करते हुए घरेलू स्तर पर प्लास्टिक उत्पादों के तीव्र विकास की दिशा में कदम बढ़ाए जा सकें।
         प्लास्टिक के सामान के आयात पर निर्भरता कम करने और देश में प्लास्टिक उद्योग को बढ़ावा देने के मकसद से दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में 26 मई, 2023 को पहला प्रौद्योगिकी सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है, जिसमें 400 से अधिक उद्योगों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।  इनमें वरिष्ठ सरकारी अधिकारी,उद्योग जगत के जानकार, शोधकर्ता और बिजनेसमैन शामिल होंगे।
        पहले प्रौद्योगिकी सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा (Bhagwant Khuba) करेंगे। इस मौके पर भारत सरकार के अधीन रसायन और पेट्रोकेमिकल्स विभाग के सचिव अरुण बरोका,केंद्रीय एमएसएमई मंत्रालय में संयुक्त सचिव सुश्री मर्सी एपाओ के साथ-साथ भारत सरकार और उद्योग जगत के कई दिग्गज लोग मौजूद रहेंगे।
-ओम कुमार 
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