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विदेशों में तेज़ी से फैल रही है हिंदी -राम प्रसाद भट्ट

साहित्य अकादमी में हिंदी सप्ताह प्रारंभ

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हिंदी दिवस के अवसर पर साहित्य अकादमी में आज हिंदी सप्ताह का शुभारंभ हुआ। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता महेश दर्पण ने की। उक्त कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हैम्बर्ग विश्वविद्यालय, जर्मनी के भारत-विद्या विभाग के प्रोफे़सर रामप्रसाद भट्ट थे। कार्यक्रम के आरंभ में साहित्य अकादमी के सचिव ने अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्रम् और अकादमी की पुस्तकें भेंट करके किया और मंत्रिमंडल सचिव राजीव गौबा द्वारा हिंदी दिवस पर प्रेषित संदेश का वाचन किया।
     रामप्रसाद भट्ट ने उपस्थित कर्मचारियों को संबोधित करते हुए बताया कि जर्मनी में हिंदी की पढ़ाई 1887 में शुरु हो गई थी। जर्मनी के सभी 16 राज्यों में भारत-विद्या विभाग है, जिनमें हिंदी के साथ ही अन्य भारतीय भाषाएँ भी पढ़ाई जाती हैं। कोरोना के बाद भारत के योग, आयुर्वेद और प्राचीन ज्ञान के प्रति बढ़ती दिलचस्पी के कारण भी विदेशों में हिंदी के प्रचार-प्रसार में बढ़ोत्तरी हुई है। लेकिन उन्होंने इस बात पर दुख प्रकट किया कि विदेशों में तो विदेशी लोग हिंदी में बात करते हैं और भारतीय लोग अंग्रेज़ी में जवाब देना शुरू कर देते हैं। क्या यह ठीक व्यवहार है? इस पर हमें आत्म चिंतन करने की आवश्यकता है।
     इस अवसर पर उपस्थित जे.एन.यू. के प्रो. देवेंद्र चौबे ने कहा कि हिंदी में काम करना केवल राष्ट्रभाषा में काम करना ही नहीं, बल्कि ऐसा करने से हम देश की ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाते हैं। हिंदी में काम करके हम देश की अस्मिता को सम्मान प्रदान करते हैं।
     कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रख्यात कथाकार एवं पत्रकार महेश दर्पण ने कहा कि भाषा केवल अभिव्यक्ति का साधन नहीं, बल्कि संस्कृति, समाज और हमारी परंपराओं को पोषित करती है। उन्होंने भारत जैसे बहुभाषी देश में अनुवाद के महत्त्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इस कारण भी हिंदी का प्रचार-प्रसार बेहद आवश्यक है। आगे उन्होंने कहा कि हिंदी के बढ़ते प्रभाव के बीच हमें उस अँधेरे कोने में भी झाँकने की ज़रूरत है जहाँ हम अपने बच्चों के अंग्रेज़ी ज्ञान पर तो गर्व करते हैं और हिंदी में कमज़ोर होने पर उसे हँस कर टाल देते हैं। आज अपने बच्चों को हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं को अपनाने और उनके प्रयोग में गर्व होने का भाव भरने की आवश्यकता है। ज्ञात हो कि हिंदी सप्ताह के दौरान कर्मचारियों के लिए सुलेख प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।
     कार्यक्रम का संचालन अनुपम तिवारी (प्रभारी, रा.का.स) ने किया।
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