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पिताजी आप हैैं, इस दुनिया के सब से शक्तिशाली इंसान

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कहते हैं कि ईश्वर, अल्लाह, गॉड हर जगह नही पहुँच सकता है इसीलिए उसने माँ की संरचना की। जोकि अपने बच्चों को भरपूर प्यार देने के साथ-साथ उन्हें अच्छे संस्कार दे सके। इस रिश्ते के साथ-साथ एक रिश्ता और है जो बच्चों की जरूरतों  को पूरा करने में अपनी जिंदगी लगा देता है और वो रिश्ता है पिता (father) का। और इस रिश्ते की सबसे बड़ी खूबसूरती कहिए या सच्चाई ये है कि एक पिता ही है जो कि ये चाहता है, कि मेरे बच्चे उस ऊचाइयों पर पहुँचे जिसे अपनी मजबूरियाँ कहे या जिम्मेदारिओं के कारण वो खुद नहीं छू पाया। और सच जानियेगा जब बच्चे काबिल बन जाते हैं, तब जाकर एक पिता अपने आपको एक कामयाब इंसान मानता है। आइए आपको एक ऐसी ही कहानी से रूबरू कराते हैं शायद ये कुछ लोगों को अपनी सी लगे।

एक बूढ़ा पिता अपने IAS बेटे के चेंबर में  जाकर उसके कंधे पर हाथ रख कर खड़ा हो गया! और प्यार से अपने पुत्र से पूछा…इस दुनिया का सबसे शक्तिशाली इंसान कौन है”?  पुत्र ने पिता को बड़े प्यार से हंसते हुए कहा “मेरे अलावा कौन हो सकता है पिताजी “! पिता को इस जवाब की आशा नहीं थी, उसे विश्वास था कि उसका बेटा गर्व से कहेगा पिताजी इस दुनिया के सबसे शक्तिशाली इंसान आप हैैं, जिन्होंने मुझे इतना योग्य बनाया !
पिता की आँखे छलछला आई! और वो चेंबर के गेट को खोल कर बाहर निकलने लगे! उन्होंने एक बार पीछे मुड़ कर पुनः बेटे से पूछा एक बार फिर बताओ इस दुनिया का सब से शक्तिशाली इंसान कौन है ???
पुत्र ने इस बार कहा… “पिताजी आप हैैं, इस दुनिया के सब से शक्तिशाली इंसान “! 
पिता सुनकर आश्चर्यचकित हो गए उन्होंने कहा  “अभी तो तुम अपने आप को इस दुनिया का सब से शक्तिशाली इंसान बता रहे थे अब तुम मुझे बता रहे हो ” ???
पुत्र ने हंसते हुए उन्हें अपने सामने बिठाते  हुए कहा …
“पिताजी उस समय आप का हाथ मेरे कंधे पर था, जिस पुत्र के कंधे पर या सिर पर पिता का हाथ हो वो पुत्र तो दुनिया का सबसे शक्तिशाली इंसान ही होगा ना,,,,,बोलिए पिताजी” !  पिता की आँखे भर आई उन्होंने अपने पुत्र को कस कर के अपने गले लगा लिया !
                                      “पेश हैं ये पंक्तिया”
          जो पिता के पैरों को छूता है *वो कभी गरीब नहीं होता।
जो मां के पैरों को छूता है  वो कभी बदनसीब नही होता।
          जो भाई के पैराें को छुता हें वो कभी गमगीन नही होता।
जो बहन के पैरों को छूता है वो कभी चरित्रहीन नहीं होता।
          जो गुरू के पैरों को छूता है
उस जेसा कोई खुशनसीब नहीं होता…….
अच्छा दिखने के लिये मत जिओ
          बल्कि अच्छा बनने के लिए जिओ
जो झुक सकता है वह सारी
          दुनिया को झुका सकता है
अगर बुरी आदत समय पर न बदली जाये
          तो बुरी आदत समय बदल देती है
चलते रहने से ही सफलता है,
          रुका हुआ तो पानी भी बेकार हो जाता है
झूठे दिलासे से स्पष्ट इंकार बेहतर है
          अच्छी सोच, अच्छी भावना,
                    अच्छा विचार मन को हल्का करता है
मुसीबत सब परआती है
           कोई बिखर जाता है
                     और कोई निखर जाता है
“तेरा मेरा” करते एक दिन चले जाना है…
            जो भी कमाया यहीं रह जाना है
                           *सदैव बुजुर्गों का सम्मान करें*

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