देश के पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में गुरुवार रात दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। केंद्र सरकार ने 7 दिन के लिए राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान देश का झंडा आधा झुका रहेगा। वहीं केंद्र सरकार ने शुक्रवार को होने वाले सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। इसके साथ ही शुक्रवार सुबह 11 बजे केंद्रीय कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
कांग्रेस पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के सम्मान में अपने सभी आधिकारिक कार्यक्रमों को 7 दिनों के लिए रद्द कर दिया है। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया जानकारी देते हुए कहा कि “दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के सम्मान में, स्थापना दिवस समारोह सहित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सभी आधिकारिक कार्यक्रम अगले 7 दिन के लिए रद्द कर दिए गए हैं। इसमें सभी आंदोलनात्मक और संपर्क कार्यक्रम भी शामिल हैं। कांग्रेस पार्टी के कार्यक्रम 3 जनवरी, 2025 को फिर से शुरू होंगे। शोक की इस अवधि के दौरान पार्टी का झंडा आधा झुका रहेगा।”
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह साल 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे थे। उन्होंने यूपीए गठबंधन के तहत बनी केंद्र सरकार का नेतृत्व किया था। डॉ मनमोहन सिंह की साल 1991 में राजनीति में एंट्री हुई थी जब 21 जून को पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकार में उन्हें वित्त मंत्री बनाया गया था। उस समय देश एक गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा था। पी.वी. नरसिंह राव के साथ मिलकर उन्होंने विदेशी निवेश का रास्ता साफ किया था। देश के वित्त मंत्री रहते हुए उन्होंने देश में आर्थिक उदारीकरण की नीतियों को लागू किया। जिससे देश में विदेशी निवेश को बढ़ावा मिला और भारत को विश्व बाजार से जोड़ा जा सका।
वहीं डॉ मनमोहन सिंह साल 1991 में पहली बार असम राज्य से राज्यसभा के सांसद चुने गए। वो 6 बार राज्यसभा सांसद चुने गए। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण सुधार किए। जिससे भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर हुई। वह साल 1998 से 2004 तक राज्यसभा में विपक्ष के नेता भी रहे। हालांकि, साल 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन को मिली। इसके बाद डॉ मनमोहन सिंह ने देश के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। उन्होंने यूपीए-1 और यूपीए-2 में प्रधानमंत्री का पद संभाला। डॉ. मनमोहन सिंह ने पहली बार 22 मई 2004 और दूसरी बार 22 मई, 2009 को प्रधानमंत्री के पद की शपथ ली थी। डॉ मनमोहन सिंह ने एक बार भी लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा था।
देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि “पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह उन राजनेताओं में से थे, जिन्होंने शिक्षा और प्रशासन की दुनिया में समान रूप से और सहजता से काम किया। उन्होंने सार्वजनिक कार्यालयों में अपनी विभिन्न भूमिकाओं में भारतीय अर्थव्यवस्था को सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी राष्ट्र के प्रति सेवा, उनका बेदाग राजनीतिक जीवन और उनकी अत्यधिक विनम्रता के लिए वह हमेशा याद किए जाएंगे। हम सभी के लिए उनका निधन एक बड़ी क्षति है। भारत के महानतम सपूतों में से एक को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं और उनके परिवार, मित्रों और प्रशंसकों के लिए संवेदना व्यक्त करती हूं।”
वहीं देश के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा…
Deeply pained to learn about the passing of Dr. Manmohan Singh Ji, former Prime Minister and a distinguished economist who transformed India’s economic landscape. A Padma Vibhushan awardee and architect of India’s economic liberalisation in 1991, he boldly steered our nation… pic.twitter.com/28A6pKYjvK
“पूर्व प्रधानमंत्री और भारत के आर्थिक परिदृश्य को बदलने वाले प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। पद्म विभूषण से सम्मानित और 1991 में भारत के आर्थिक उदारीकरण के वास्तुकार। उन्होंने साहसपूर्वक हमारे देश को एक महत्वपूर्ण बदलाव के माध्यम से आगे बढ़ाया जिससे विकास और समृद्धि के नए रास्ते खुले।”
कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नेता और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया के माध्यम से पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा कि “मनमोहन सिंह जी ने असीम बुद्धिमत्ता और निष्ठा के साथ भारत का नेतृत्व किया। उनकी विनम्रता और अर्थशास्त्र की गहरी समझ ने देश को प्रेरित किया। मैंने एक गुरु और मार्गदर्शक खो दिया है। हममें से लाखों लोग जो उनके प्रशंसक थे, उन्हें अत्यंत गर्व के साथ याद करेंगे।”