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केंद्र सरकार ने रबी फसलों की MSP में की बढ़ोतरी, किसानों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय

एमएसपी के होने से बाजार में फसलों की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का किसानों पर असर न पड़े इस लिए एमएसपी लागू किया गया जाता है

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-ओम कुमार
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार 16 अक्टूबर को रबी की 6 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की फैसले को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को जोकि पहले 2275 रुपये प्रति क्विंटल थी अब 150 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2,425 रुपये क्विंटल कर दिया है। रबी की 5 अन्य फसलों जैसे जौ, चना, मसूर, सरसों, कुसुम की एमएसपी (MSP) में भी बढ़ोतरी की है। केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग में ये फैसला लिया गया।
     जानकारी के लिए बता दें इससे पहले गेहूं की एमएसपी (MSP) 2275 रुपये प्रति क्विंटल थी। जौ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 130 रुपये बढ़ाकर 1950 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। चने की एमएसपी 210 रुपये बढ़ाकर 5650 रुपये कर दी गई है। मसूर की एमएसपी पहले 6425 रुपये प्रति क्विंटल थी। जिसमें 275 रुपये बढ़ोतरी करके 6700 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी कर दी गई है।
वहीं सरसों-तिलहन की पुरानी एमएसपी 5650 रुपये थी। जिसमें 300 रुपये की बढ़ोतरी करके 5950 रुपये प्रति क्विंटल कर दी गई हैं वहीं कुसुम की एमएसपी (MSP) में 140 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। अब कुसुम की नई एमएसपी 5940 रुपये हो गई है।
      जानकारी के लिए बता दें की न्यूनतम समर्थन मूल्य वो गारंटीड प्राइस है, जो किसानों को उनकी फसल पर मिलता है। चाहे बाजार में उस फसल की कीमतें कम हो इसके बावजूद उनको प्राइस बढ़कर ही मिलेगा जो सरकार ने एमएसपी तय कर दी है। एमएसपी के होने से बाजार में फसलों की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का किसानों पर असर न पड़े इस लिए एमएसपी लागू किया गया जाता है।
     भारतीय खाद्य निगम यानी फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) खाद्यान्नों की खरीद और उसके स्टोरेज के लिए जिम्मेदार होती है। एफसीआई (FCI) केंद्र सरकार की ओर से घोषित की गई एमएसपी (MSP) पर ही किसानों से खाद्यान्न खरीदती है। हालांकि, एमएसपी (MSP) सरकार की नीति है, कानून नहीं है। इसे सरकार घटा-बढ़ा सकती है। चाहे तो इसे बंद भी कर कर सकती है। सरकार अपने हिसाब से इस पर फैसला लेती है।
     केंद्र सरकार अभी 22 फसलों के लिए एमएसपी (MSP) तय करती है। इसमें 7 प्रकार के अनाज धान, गेहूं, मक्का, बाजरा, ज्वार, रागी और जौ शामिल हैं। 5 प्रकार की दालें चना, अरहर/तुअर, उड़द, मूंग और मसूर की एमएसपी भी सरकार तय करती है। 7 तिलहन रेपसीड-सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, तिल, कुसुम, निगरसीड का एमएसपी केंद्र सरकार तय करती है। वहीं, 3 व्यावसायिक फसलें कपास, खोपरा और कच्चे जूट की एमएसपी भी सरकार तय करती है। जबकि गन्ने के लिए उचित पारिश्रमिक मूल्य का पालन किया जाता है।
     केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देने के साथ ही केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर बैठे किसानों का भी जिक्र करते हुए कहा कि हम किसानों के कल्याण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और हमने किसानों को लाभ पहुंचाने वाले कई फैसले लिए हैं। मुझे उम्मीद है कि हमारी सरकार ने किसानों के लिए जो किया है, उसे देखते हुए वे कोई फैसला लेंगे।
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