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Mohammed Zubair Arrest: Alt News के को-फाउंडर जुबेर की गिरफ्तारी पर क्या बोली दिल्ली पुलिस, पढ़ें पूरी खबर

अल्ट न्यूज वेबसाइट के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस ने सोमवार शाम को गिरफ्तार किया था। उन्हें उकसावे वाली पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

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अल्ट न्यूज वेबसाइट के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस ने सोमवार शाम को गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस की एफआईआर में कहा गया है कि मोहम्मद जुबैर की पोस्ट बहुत उकसावे और लोगों में नफरत की भावना भरने वाली है। दरअसल 2018 में किए गए एक ट्वीट में मोहम्मद जुबैर ने फिल्ममेकर ऋषिकेश मुखर्जी की 1983 की फिल्म ‘किसी से न कहना’ की एक क्लिप शेयर की थी। इस क्लिप में एक तस्वीर दिखती है, जिसमें एक होटल के बोर्ड पर ‘हनुमान होटल’होता है। उसमें पेंट से यह संकेत मिलता है कि जैसे पहले उसका नाम ‘हनीमून होटल’ रहा हो और उसे मिटाकर हनुमान होटल लिख दिया गया है।

हनुमान होटल और हनीमून होटल वाले ट्वीट पर गिरफ्तारी

इस क्लिप के साथ मोहम्मद जुबैर ने कैप्शन में लिखा था, ‘2014 से पहले: हनीमून होटल, 2014 के बाद: हनुमान होटल।’ जुबैर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने अदालत से जुबैर की एक सप्ताह की हिरासत मांगी थी, जिसे मजिस्ट्रेट ने खारिज कर दिया। लेकिन एक दिन की पुलिस कस्टडी को मंजूरी दी है। मोहम्मज जुबैर के खिलाफ यह शिकायत दिल्ली पुलिस के सब-इंस्पेक्टर अरुण कुमार ने दर्ज कराई है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि वह सोशल मीडिया की मॉनिटरिं कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें ‘हनुमान भक्त’ नाम से ट्विटर हैंडल मिला था, जिसमें मोहम्मद जुबैर के ट्वीट पर सवाल उठाया गया था।

अल्ट न्यूज के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने उठाया सवाल

एफआईआर में कहा गया है,’ऐसी पोस्ट को जानबूझकर मोहम्मद जुबैर की ओर से पब्लिश किया गया ताकि एक समुदाय विशेष की भावनाओं को आहत किया जा सके और शांति सद्भाव के माहौल को खराब किया जा सके।’ बता दें कि अल्ट न्यूज के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने सोमवार को जुबैर के समर्थन में ट्वीट किया था। उन्होंने कहा था कि जुबैर को 2020 में दर्ज किए गए एक अलग मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था, जिसमें कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई है। लेकिन पुलिस ने उन्हें एक और नए मामले में बिना किसी नोटिस के ही अरेस्ट कर लिया। यही नहीं कई बार रिक्वेस्ट के बाद भी एफआईआर की कॉपी तक नहीं दी गई।

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