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जेपी आंदोलन के 50 वर्ष: पर्यावरणविद ज्ञानेन्द्र रावत को जेपी सेनानी सम्मान

दिल्ली में आयोजित समारोह में वरिष्ठ पत्रकार और पर्यावरणविद को हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने किया सम्मानित

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वरिष्ठ पत्रकार,राष्ट्रीय पर्यावरण सुरक्षा समिति के अध्यक्ष एवं पर्यावरणविद ज्ञानेन्द्र रावत को नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में जे पी आंदोलन के 50 वर्ष पूर्ण होने पर लोकनायक जयप्रकाश अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विकास केन्द्र द्वारा आयोजित संपूर्ण क्रांति आंदोलन महोत्सव में जे पी सेनानी सम्मान से सम्मानित किया गया। यह सम्मान श्री रावत को हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल माननीय श्री शिव प्रताप शुक्ल ने प्रदान किया। इनके अलावा प्रमुख आंदोलन कर्मी श्री रघुपति, श्री कुमार अनुपम, पूर्व मंत्री बिहार श्री श्याम रजक, प्रसिद्ध समाजवादी श्री श्याम गंभीर एवं वरिष्ठ गांधीवादी एवं महात्मा गांधी स्मारक ट्रस्ट बाराबंकी के अध्यक्ष श्री राजनाथ जी शर्मा भी जे पी सेनानी सम्मान से सम्मानित किये गये । इस अवसर पर केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के पूर्व प्रधानमंत्री प्रोफेसर समदोंग रिनपोछे, प्रख्यात विचारक श्री रघु ठाकुर, पद्मश्री श्री विमल कुमार जैन एवं श्री उमाशंकर पाण्डेय, प्रख्यात पत्रकार श्री के विक्रम राव एवं श्री संतोष भारतीय, अखिल भारतीय संत समाज के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि जी महाराज, पूर्व डीजीपी श्री आमोद कंठ, मेजर जनरल श्री अनुज माथुर,  रेजिडेंट कमिश्नर जे एण्ड के आई ए एस श्री रश्मि सिंह, निदेशक सेंट्रल काटेज इंडस्ट्री कारपोरेशन श्री मनोज लाल व नरकटिया गंज, बिहार की विधायक श्री रश्मि वर्मा की विशेष रूप से गरिमामयी उपस्थिति उल्लेखनीय रही। गौरतलब है कि इससे पूर्व विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर श्री रावत को ग्रेटर नोएडा स्थित एक्सपो मार्ट के विशाल सभागार में आयोजित वर्ल्ड एनवायरमेंट कॉन्फ्रेंस में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
जे पी ने देश के नव निर्माण को नयी दिशा दी–शिव प्रताप शुक्ल
     समारोह का उद्घाटन हिमाचल प्रदेश के माननीय राज्यपाल श्री शिव प्रताप जी शुक्ल ने किया। अपने उद्घाटन भाषण में श्री शुक्ल ने जे पी को देश के नव निर्माण के महान योद्धा की संज्ञा दी और कहा कि आज उन्हीं के संघर्ष का प्रतिफल है कि देश में लोकतंत्र जीवित है और हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं। इस सबके लिए सत्तर के दशक में देश के नवनिर्माण आंदोलन में उनकी भूमिका को भुलाया नहीं  जा सकता। उनका देश की आजादी और बाद में उसके स्थायित्व के लिए उनका संघर्ष देश के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित रहेगा। लोकनायक जयप्रकाश अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विकास केन्द्र द्वारा आयोजित लोकनायक की स्मृति में बीते दशकों से किये जा रहे कार्यक्रम प्रशंसनीय हैं और उसके द्वारा उनकी स्मृति को संजोये रखने का प्रयास स्तुति योग्य है। इस हेतु में संस्था के महासचिव श्री अभय सिन्हा को बधाई देता हूं।
      उन्होंने कहा कि जे पी ने नैतिक राजनीति की हमेशा वकालत की। आज आधी सदी के बाद इस पर विचार करना समय की मांग है और बेहद जरूरी भी है। असलियत तो यह है कि जेपी स्वप्न जीवी नहीं थे। वह सार्थक विचार करने वाले व्यक्ति थे। आज संपूर्ण क्रांति को आधी सदी का समय बीत चुका है। उस आंदोलन में मैंने भी एक छात्र के रूप में हिस्सा लिया था और 19 महीने की जेल की यातना भी झेली। हकीकत तो यह है कि गुजरात से शुरू हुआ आंदोलन बाद में पूरे देश में फैल गया और उसके बाद देश से तानाशाह सरकार की विदाई हुई। मुझे इस अवसर पर लोकनायक जय प्रकाश अध्ययन केन्द्र के श्री अभय सिन्हा ने आमंत्रित किया,  इस हेतु मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं।
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