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जब विशेषाधिकार समिति नोटिस भेजेगी तो मैं उन्हें जवाब दूंगा -राघव चड्ढा

राघव चड्ढा ने एक प्रस्ताव पेश किया उस पर 5 सासंदों ने सवाल खड़े करते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली एनसीटी संशोधन विधेयक को उनकी सहमति के बिना चयन समिति को भेजने के प्रस्ताव पर उनके नामों का उल्लेख किया गया।  

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संसद के राज्यसभा में दिल्ली सर्विस बिल पर वोटिंग से पहले प्रस्ताव पेश किए जा रहे थे जैसे ही आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने एक प्रस्ताव पेश किया उस पर 5 सासंदों ने सवाल खड़े करते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली एनसीटी संशोधन विधेयक को उनकी सहमति के बिना चयन समिति को भेजने के प्रस्ताव पर उनके नामों का उल्लेख किया गया।
     केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस दौरान इस मामले को गंभीरता से लेते हुए और आपत्ति जताते हुए कहा कि “दो सदस्य (बीजेडी सांसद सस्मित पात्रा और भाजपा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी) कह रहे हैं कि उन्होंने आप सांसद राघव चड्ढा द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव (चयन समिति का हिस्सा बनने के लिए) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। अब यह जांच का विषय है कि प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कैसे हो गए।
     वंही राज्यसभा के उपसभापति ने आश्वासन देते हुए कहा कि इसकी जांच कराई जाएगी। सम्बंधित सदस्यों ने अपना पत्र दिया है इसकी जांच कराकर सदन को जानकारी दी जाएगी।
     बीजू जनता दल (बीजेडी) के राज्यसभा सांसद डॉ सस्मित पात्रा अपना ने नाम प्रस्ताव में सुनकर कहा कि “जिस समय सदन में प्रस्ताव पेश किए जा रहे थे (दिल्ली सेवा विधेयक पर चर्चा के दौरान), मैंने सुना कि राघव चड्ढा द्वारा पेश किए गए एक प्रस्ताव में मेरे नाम का उल्लेख किया गया था। मेरी पूर्व सहमति के बिना मेरा नाम प्रस्ताव में नहीं डाला जा सकता। मुझे उम्मीद है कि सदन के सभापति कार्रवाई करेंगे। मैंने शिकायत दे दी है। जाहिर है यह विशेषाधिकार का मामला है। हम सभी ने अपनी-अपनी शिकायतें दर्ज़ कराई हैं”।
     बीजेपी के राज्यसभा सांसद नरहरी अमीन ने आपत्ति जताते हुए कहा कि “राघव चड्ढा ने मेरा नाम सेलेक्ट कमेटी में शामिल किया। उन्होंने मुझसे बात नहीं की, मैंने इसके लिए सहमति नहीं दी। उन्होंने गलत किया है। मैंने अपने हस्ताक्षर नहीं दिए हैं”
     दिल्ली सेवा विधेयक को चयन समिति को भेजने के लिए आप सांसद राघव चंदा द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव पर अपने फर्जी हस्ताक्षर का आरोप लगाते हुए अन्नाद्रमुक राज्यसभा सांसद एम.थंबीदुरई ने कहा कि “मैंने विशेषाधिकार समिति का हवाला देते हुए राज्यसभा के सभापति को एक पत्र दिया है कि प्रस्ताव में मेरा नाम कैसे शामिल किया गया, क्योंकि मैंने किसी दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर नहीं किए थे। इसलिए, किसी ने मेरे जाली हस्ताक्षर किए होंगे”।
      दिल्ली संशोधन विधेयक को 5 सांसदों की सहमति के बिना चयन समिति को भेजने के प्रस्ताव वाले मामले पर वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद महेश जेठमलानी ने कहा कि “यह विशेषाधिकार हनन का सवाल है। इसकी जांच होनी चाहिए और जो भी ज़िम्मेदार है उसे सदन से बर्खास्त किया जाना चाहिए।”
     वंही इस मामले पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि “एक मंत्री के रूप में अपने छह वर्षों में या 30-40 वर्षों में जब मैं संसद को देखता रहा हूं और एक सिविल सेवक के रूप में इसे कवर करता रहा हूं, मैंने कभी ऐसा कुछ होते नहीं देखा। इसकी गंभीरता से जांच होनी चाहिए”
     वंही इन आरोपों पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि मुझे नोटिस मिलेगा तो मैं उसका जवाब दूंगा। (सांसदों के) हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं है।
जब विशेषाधिकार समिति नोटिस भेजेगी तो मैं उन्हें जवाब दूंगा”।
-ओम कुमार
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