दिल्ली में 500 से अधिक रामलीलाओं की तैयारी शुरू, समन्वय के लिए बनी 11 सदस्यीय समिति
रामलीला हमारी सांस्कृतिक धरोहर है और इसमें किसी भी प्रकार की प्रशासनिक बाधा को समय रहते हटाना जरूरी है -प्रवीण खंडेलवाल

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आगामी रामलीला उत्सव को गरिमापूर्ण, सुव्यवस्थित एवं प्रशासनिक बाधाओं से मुक्त बनाने के उद्देश्य से श्री रामलीला महासंघ द्वारा कंस्टीट्यूशन क्लब में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए, वहीं दिल्ली सरकार, एमसीडी, डीडीए, दिल्ली पुलिस, बिजली विभाग, जल बोर्ड समेत 18 विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक की अध्यक्षता महासंघ अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने की जबकि संचालन सुभाष गोयल ने किया। दिल्ली की विभिन्न रामलीला समितियों के लगभग 200 प्रतिनिधि उपस्थित रहे। देश के प्रमुख कथावाचक और संत अजय भाई जी भी इस अवसर पर मौजूद रहे।

सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने अपने संबोधन में कहा कि “रामलीला हमारी सांस्कृतिक धरोहर है और इसमें किसी भी प्रकार की प्रशासनिक बाधा को समय रहते हटाना जरूरी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भी मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन मूल्यों को अपने कार्यों में उतारते हैं। प्रशासनिक विभागों को समन्वय के साथ कार्य कर समय पर सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए।”
अजय भाई जी के प्रमुख प्रस्ताव:
- रामायण शोध संस्थान की स्थापना: दिल्ली में एक संस्थान बने जिसमें श्रीराम के व्यक्तित्व पर शोध हो।
- सीता जन्म का मंचन: इस बार राम जन्म के साथ-साथ सीता जन्म का भी मंचन हो।
- सेना की वीरता पर झांकियां: रामलीला में भारतीय सेनाओं की शौर्यगाथा को दिखाने वाली झांकियां भी होंगी।
इन प्रस्तावों को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया।
11 सदस्यीय समन्वय समिति का गठन:
रामलीला आयोजनों के बेहतर समन्वय हेतु श्री अर्जुन कुमार की अध्यक्षता में एक 11 सदस्यीय समिति बनाई गई जो सभी विभागों के साथ संपर्क रखेगी।
इस वर्ष का आयोजन:
- तिथि: 22 सितंबर 2025 से 3 अक्टूबर 2025 तक
- दशहरा: 2 अक्टूबर 2025
- आयोजन स्थल: दिल्ली में लगभग 500 रामलीलाएं, प्रमुख आयोजन चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र में होंगे
रामलीला समितियों द्वारा उठाए गए प्रमुख मुद्दे:
- मैदानों का समय से आवंटन: डीडीए व एमसीडी कम से कम 45 दिन पूर्व मैदान दें, वह भी बिना शुल्क।
- सफाई व कीटनाशक छिड़काव: नियमित सफाई व समतलीकरण हो।
- झूला ऑपरेटरों की मनमानी पर रोक: मनमाने शुल्क व कब्जे पर सख्त कार्रवाई हो।
- बिजली और पानी की व्यवस्था:
- बिजली घरेलू दरों पर दी जाए।
- पेयजल निःशुल्क हो।
- लाइसेंस व NOC प्रक्रिया सरलीकरण:
- एक सिंगल विंडो सिस्टम बनाया जाए।
- दिल्ली पुलिस पूर्व सूचना से लाइसेंस प्रक्रिया शुरू करे।
- यातायात व प्रचार की सुविधा:
- विशेष ट्रैफिक प्लान।
- एमसीडी द्वारा प्रचार बोर्ड्स की अनुमति।
आगामी कार्ययोजना:
सांसद श्री खंडेलवाल ने सुझाव दिया कि सभी विभाग अभी से कार्य प्रारंभ करें ताकि आयोजन दिव्यता, भव्यता और श्रद्धा के साथ संपन्न हो। इसी दिशा में अगले माह पुनः समीक्षा बैठक भी आयोजित की जाएगी।
रामलीला का ऐतिहासिक संदर्भ:
दिल्ली में रामलीला का इतिहास मुगल काल तक जाता है। औरंगजेब ने इसे रोक दिया था लेकिन लाला सीताराम ने मुहम्मद शाह रंगीला से कर्ज के बदले आयोजन की अनुमति ली।
इसके बाद सीताराम बाजार से शुरू हुआ आयोजन आज दिल्ली के हर कोने में भव्य रूप से मनाया जाता है।
पुरानी दिल्ली सदैव रामलीला का प्रमुख केंद्र रहा है, जहां मेले, व्यंजन और लोक परंपराओं की झलक मिलती रही है।
श्रीराम की लीलाओं का यह उत्सव न केवल धार्मिक भावना का प्रतीक है, बल्कि यह देश की सांस्कृतिक अस्मिता को भी सशक्त करता है। इस वर्ष यह आयोजन सभी के सहयोग से ऐतिहासिक और अविस्मरणीय बनने की ओर अग्रसर है।
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