वैश्विक बाजार को ध्यान में रखते हुए साइलेज उद्यमिता विकास कार्यशाला का आयोजन
आईसीएआर-आईजीएफआरआई, झांसी में "साइलेज नवाचार के माध्यम से कृषि उद्यमियों का सशक्तिकरण" विषय पर छह दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यशाला का शुभारंभ

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भारतीय चारा अनुसंधान संस्थान (ICAR-IGFRI), झांसी में दिनांक 4 अगस्त से 9 अगस्त 2025 तक “साइलेज नवाचार के माध्यम से कृषि उद्यमियों का सशक्तिकरण” विषय पर आधारित एक छह दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य देशभर के कृषि उद्यमियों को साइलेज तकनीक की बारीकियों से अवगत कराकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना और वैश्विक बाजार, विशेषकर अरब देशों में निर्यात से जोड़ना है।
प्रतिभागियों की भागीदारी:
इस कार्यशाला में देश के विभिन्न राज्यों से सक्रिय कृषि उद्यमियों ने भाग लिया, जिनमें:
- बिहार से 6 प्रतिभागी
- असम से 2 प्रतिभागी
- उत्तर प्रदेश से 1 प्रतिभागी
- महाराष्ट्र से 1 प्रतिभागी
शामिल हुए। ये सभी प्रतिभागी लार्ज स्केल साइलेज प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट गतिविधियों से जुड़े हुए हैं, जिससे प्रशिक्षण का स्तर अत्यंत व्यावसायिक और व्यावहारिक रहा।
प्रशिक्षण में शामिल प्रमुख विषय:
इस छह दिवसीय कार्यशाला में प्रतिभागियों को निम्नलिखित महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रशिक्षित किया जा रहा है:
- गुणवत्ता युक्त साइलेज उत्पादन तकनीक
- साइलेज की गुणवत्ता का मूल्यांकन एवं सुधार के उपाय
- नवीन विपणन अवसरों का विकास, विशेष रूप से अरब देशों में निर्यात की संभावनाएं
- वर्षभर साइलेज उत्पादन के लिए चारा प्रबंधन विधियाँ
- साइलेज निर्माण में प्रयुक्त मशीनें एवं उनका रख-रखाव
इन सभी विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा गहन व्याख्यान, प्रायोगिक सत्र एवं समूह चर्चाओं के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
विशेषज्ञ वक्ताओं के विचार:
कार्यक्रम के शुभारंभ सत्र में डॉ. विजय कुमार यादव ने साइलेज की वैश्विक मांग, उत्पादन तकनीकों तथा निर्यात की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने उद्यमियों को इस क्षेत्र में अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया।
इसके अतिरिक्त डॉ. पी. के. पाठक एवं डॉ. राजीव अग्रवाल ने भी अपने-अपने विषय विशेषज्ञता के आधार पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए और प्रतिभागियों को प्रौद्योगिकी अपनाने और बाजार से जोड़ने पर जोर दिया।
प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया:
कार्यशाला में भाग ले रहे उद्यमियों ने इसे अत्यंत लाभकारी और जानकारीपूर्ण बताया। उन्होंने IGFRI द्वारा ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की निरंतरता बनाए रखने की अपेक्षा व्यक्त की, ताकि और भी उद्यमी इससे लाभान्वित हो सकें।
कार्यक्रम का संचालन एवं समापन:
पूरे कार्यक्रम का सफल संचालन ऋचा दुबे द्वारा किया गया। समापन अवसर पर डॉ. राजीव अग्रवाल ने आभार प्रदर्शन कर सभी प्रतिभागियों, अतिथियों एवं आयोजन टीम का धन्यवाद ज्ञापित किया।
आईसीएआर-आईजीएफआरआई द्वारा आयोजित यह कार्यशाला भारत में साइलेज तकनीक के व्यावसायिक उपयोग को प्रोत्साहन देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आने वाले समय में हरित क्रांति के साथ-साथ दुग्ध उत्पादन और पशुपालन के क्षेत्र में भी नवाचार को बढ़ावा देगा।
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