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सरस आजीविका मेले में महिलाओं के लिए वर्कशॉप का आयोजन

सरस आजीविका मेला 2023 में प्रवेश निःशुल्क है। इस मेले का समय सुबह 11 बजे से रात्रि 9.30 तक रखा गया है

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हरियाणा की हाईटेक सीटी गुरूग्राम में चल रहे सरस आजीविका मेला 2023 में आज स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया।    निफ्ट के असिस्टेंट प्रोफेसर शक्ति सागर ने इस वर्कशॉप में महिलाओं को डिज़ाइन की बारिकियों की जानकारी दी। इसके साथ ही प्रोडक्ट की बांडिंग, पैकेजिंग, लोगो, प्रोडक्ट को सेल करने के बारे में बताया। वंही एनआईआरडीपीआर की असिंस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रुचिरा भट्टाचार्य ने जानकारी देते हुए कहा कि इस वर्कशॉप का स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को दूरगामी लाभ मिलेगा। ऐसी वर्कशॉप वक़्त की माँग है। इसके माध्यम से महिलाओं के प्रोडक्ट देश विदेश की मार्केट में अपनी पहचान बना सकेंगे।
     एनआईआरडीपीआर के असिस्टेंट डायरेक्टर सीएल कटारिया ने जानकारी देते हुए बताया कि मेले में सभी स्टॉलों पर लोगों की बिक्री अच्छी हो रही है। लेकिन कुछ स्टॉलों पर लाखों की बिक्री हो रही है इसका कारण कहीं न कहीं ब्रैंडिंग, पैकेजिंग और लोगों को सही तरीके से समझाने पर निर्भर करता है। इस वर्कशॉप में इन महिलाओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।
    महाराष्ट्र की स्टेट कोआर्डिनेटर स्वाति तुपसुंदरी ने जानकारी देते हुए कहा कि सरस आजीविका मेले में महाराष्ट्र के कुल 17 स्टॉल लगाए गए हैं।  जिसमें हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम के 10, फूड से जुड़े आइटम के 5 स्टॉल और फूडकोर्ट में लाइव फूड के 2 स्टॉल लगाए गए हैं। वंही महाराष्ट्र से आई संजीविनी एसएचजी की ज्योति तागड़े ने अपने स्टॉल के बारे बताते हुए कहा कि हमारे स्टॉल नंबर 91 पर पुरुषों के लिए 500 से लेकर 1500 रुपये तक के शर्ट हैं, जिसे यहां के लोग काफी पसंद कर रहे हैं।
     हरियाणा के गुरुग्राम में ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा आयोजित सरस आजीविका मेले का आयोजन किया जा रहा है। 26 अक्टूबर से 11 नवंबर तक आयोजित होने वाले मेले में भारत की विविधता और सांस्कृतिक विरासत को दर्शा रहा है। इस मेले में हर आयु वर्ग के लोग मेला देखने व खरीदारी करने में आ रहे हैं।
     सरस आजीविका मेला 2023 में प्रवेश निःशुल्क है। इस मेले का समय सुबह 11 बजे से रात्रि 9.30 तक रखा गया है। सरस आजीविका मेले में नियमित रूप से शाम 5 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है। इस सांस्कृतिक संध्या में नियमित रूप से हर राज्यों के लोक नृत्य व संगीत की प्रस्तुति की जाती है। इस मेला में 28 राज्यों से आई स्वयं सहायता समूह की 800 दीदी ने अपनी कला एवं संस्कृति से जुड़े हस्तनिर्मित उत्पादों के स्टॉल लगाए हैं।
-ओम कुमार
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