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Maharashtra Politics: अगर हमने उस समय कांग्रेस को मुख्यमंत्री पद नहीं दिया होता, तो आज तक महाराष्ट्र में केवल NCP का ही मुख्यमंत्री होता -अजीत पवार
आपने मुझे सबके सामने खलनायक के रूप में दिखाया। मेरे मन में अभी भी उनके (शरद पवार) लिए सम्मान है

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महाराष्ट्र की राजनीति की चर्चा पूरे देश में हो रही है इस प्रदेश की राजनीति दिन प्रति बदल रही है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में फूट होने के बाद शरद पवार के भतीजे और महाराष्ट्र के कद्दावर नेता अजीत पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) पर अपना दावा ठोका है उन्होंने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर पार्टी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) का नाम और चुनाव चिन्ह (घड़ी) मांगा है।
वंही एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता शरद पवार ने कहा कि “पार्टी का चुनाव चिह्न हमारे पास है, वह कहीं नहीं जाएगा। जो लोग और पार्टी कार्यकर्ता हमें सत्ता में लाए, वे हमारे साथ हैं। हम पार्टी का सिंबल किसी को नहीं लेने देंगे”।

आज बुधवार एनसीपी (अजित पवार गुट) की मुम्बई में हुई एक मीटिंग में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी के प्रमुख नेता अजित पवार ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा ” 2004 के विधानसभा चुनाव में एनसीपी के पास कांग्रेस से ज्यादा विधायक थे अगर हमने उस समय कांग्रेस को मुख्यमंत्री पद नहीं दिया होता, तो आज तक महाराष्ट्र में केवल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का ही मुख्यमंत्री होता”।
आगे बोलते हुए अजित पवार ने कहा कि “आपने मुझे सबके सामने खलनायक के रूप में दिखाया। मेरे मन में अभी भी उनके (शरद पवार) लिए सम्मान है। आप मुझे बताएं, आईएएस/आईपीएस अधिकारी 60 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं। राजनीति में भी भाजपा नेता 75 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं। आप लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी का उदाहरण देख सकते हैं। इससे नई पीढ़ी को आगे बढ़ने का मौका मिलता है। आप (शरद पवार) हमें अपना आशीर्वाद दें। लेकिन आप 83 वर्ष के हैं, क्या आप रुकने वाले नहीं हैं? हमें अपना आशीर्वाद दें और हम प्रार्थना करेंगे कि आपकी उम्र लंबी हो और आप 100 वर्ष तक जिए”।

वंही एनसीपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने मुम्बई की मीटिंग में पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि “जब हम शिवसेना की विचारधारा को स्वीकार कर सकते हैं तो फिर बीजेपी के साथ जाने में क्या आपत्ति है? हम एक स्वतंत्र इकाई के रूप में इस गठबंधन में शामिल हुए हैं। जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला बीजेपी के साथ चले गए और अब वे संयुक्त विपक्ष का हिस्सा हैं। मैं शरद पवार के साथ पटना में संयुक्त विपक्ष की बैठक में गया था और वहां का दृश्य देखकर मुझे हंसने का मन हुआ। वहां 17 विपक्षी दल थे, 17 में से लोकसभा में केवल 1 सांसद है और एक पार्टी ऐसी है जिसके पास 0 सांसद हैं। उनका दावा है कि वे बदलाव लाएंगे। हमने यह फैसला (एनडीए में शामिल होने का) देश और अपनी पार्टी के लिए लिया है, व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं लिया है”।
-ओम कुमार





