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G20 Summit: रिपब्लिक ऑफ भारत में आपका स्वागत है
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 'रिपब्लिक ऑफ भारत' कहे जाने और इसका प्रयोग करने को लेकर देश के हर वर्ग में चर्चा का विषय बना हुआ है। देश के युवा इसे इंडिया से भारत तरफ़ जाते हुए देख रहें हैं

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इंडिया से भारत की ओर बढ़ते हुए देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने इंडिया की जगह भारत शब्द का प्रयोग करते हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में आने वाले विदेशी मेहमानों को रात्रिभोज के लिए आमंत्रित करते हुए
महामहिम राष्ट्रपति ने रिपब्लिक ऑफ इंडिया के बजाय ‘रिपब्लिक ऑफ भारत’ शब्द का प्रयोग किया है।

जानकारी के लिए बता दें कि आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देशवासियों से अपील की थी कि देश को ‘इंडिया’ नहीं बल्कि ‘भारत’ कहा जाए। मोहन भागवत ने असम की राजधानी गुवाहाटी में एक कार्यक्रम के दौरान अपनी बात रखते हुए कहा था कि इंडिया की जगह भारत शब्द का प्रयोग किया जाना चाहिए।
वंही भारत की राजधानी दिल्ली में होने जा रही जी-20 शिखर सम्मेलन 9 सितंबर से शुरू होगी और 10 सितंबर को सम्पन्न होगी। इस शिखर सम्मेलन में विश्व के सबसे शक्तिशाली देश शिरकत करेंगे। देश की प्रथम नागरिक यानि राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने जी-20 में शामिल होने देशों के राष्ट्राध्यक्षों और देश के मुख्यमंत्रियों को डिनर के लिए आधिकारिक निमंत्रण भेजा है। भेजे गए निमंत्रण में पहली बार ‘रिपब्लिक ऑफ इंडिया’ की जगह ‘रिपब्लिक ऑफ भारत’ शब्द का प्रयोग किया गया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने 2 दिन पहले यानी कि शुक्रवार को गुवाहाटी के एक कार्यक्रम में लोगों सम्बोधित करते हुए कहा था कि “सदियों से हमारे देश का नाम भारत है, इंडिया नहीं. उन्होंने आगे लोगों से अपील करते हुए कहा कि देश के पुराने नाम का प्रयोग किया जाना चाहिए। ये कार्यक्रम सकल जैन समाज का था जिसमें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत मुख्य वक्ता थे।
असम के गुवाहाटी में सकल जैन समाज के कार्यक्रम में आए हुए लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि “हमारे देश का नाम भारत है इसलिए दुनिया में हम चाहे कहीं भी चले जाएं देश का नाम कहने, सुनने और लिखने में हर जगह भारत ही रहना चाहिए। अगर इसको कोई नहीं भी समझ पाता है तो इसकी चिंता आप बिल्कुल ना करें। अगर सामने वाले को समझने की जरूरत होगी तो वह इसे खुद ही समझ लेगा। आज दुनिया को हमारी जरूरत है। हम बिना दुनिया के चल सकते हैं लेकिन दुनिया हमारे बिना नहीं चल सकती”
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने स्पष्ट शब्दों में देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि “देश के लोगों को इंडिया की जगह भारत कहने की आदत डालनी चाहिए, क्योंकि ये नाम प्राचीन समय से चला आ रहा नाम है। इस नाम को आगे भी जारी रखना चाहिए। अब हर जगह इंडिया की जगह भारत शब्द का ही प्रयोग किया जाना चाहिए”।
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘रिपब्लिक ऑफ भारत’ कहे जाने और इसका प्रयोग करने को लेकर देश के हर वर्ग में चर्चा का विषय बना हुआ है। देश के युवा इसे इंडिया से भारत तरफ़ जाते हुए देख रहें हैं।
-ओम कुमार