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महात्मा गांधी के सपने को साकार करने वाले डॉ बिंदेश्वर पाठक का निधन
सुलभ इंटरनेशनल के फाउंडर बिंदेश्वर पाठक कहते थे। कि राष्टपिता महात्मा गांधी का एक सपना था की देश से मैला ढोने की प्रथा एवं खुले में शौच एकदम समाप्त करना है। महात्मा गांधी की ये बात से प्रेरित होकर बिंदेश्वर पाठक ने अपना पूरा जीवन इसी में लगा दिया और इसमें वह कामयाब भी रहे

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देश की प्रसिद्ध कंपनी सुलभ इंटरनेशनल के फाउंडर बिंदेश्वर पाठक का मंगलवार को निधन हो गया। बिंदेश्वर पाठक वह शख्स है, जिन्होंने सुलभ इंटरनेशनल के माध्यम सुलभ शौचालय को देशभर में एक अलग पहचान दिलाई। देश की एक बड़ी समस्या को उन्होंने काफी हद तक कम कर दिया जो थी खुले में शौच करना।
सुलभ इंटरनेशनल के फाउंडर बिंदेश्वर पाठक कहते थे। कि राष्टपिता महात्मा गांधी का एक सपना था की देश से मैला ढोने की प्रथा एवं खुले में शौच एकदम समाप्त करना है। महात्मा गांधी की ये बात से प्रेरित होकर बिंदेश्वर पाठक ने अपना पूरा जीवन इसी में लगा दिया और इसमें वह कामयाब भी रहे।
सुलभ इंटरनेशनल के फाउंडर बिंदेश्वर पाठक 80 वर्ष के थे। जानकारी के मुताबिक उनकी मौत कार्डियक अरेस्ट के कारण हई। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उन्होंने सुबह राष्ट्रीय ध्वज फहराया और उसके तुरंत बाद वो गिर गए। बिंदेश्वर पाठक को तुरंत दिल्ली के एम्स अस्पताल में ले जाया गया। अस्पताल की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक उनका निधन दोपहर में हो गया।
बिंदेश्वर पाठक का जन्म वैशाली जिले के रामपुर बाघेल गांव में हुआ था। उन्होंने 1964 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी। उन्होंने 1980 में अपनी मास्टर डिग्री और 1985 में पटना विश्वविद्यालय से पीएचडी की पढ़ाई पूरी की थी। उन्होंने देश की स्वच्छता वाली समस्याओं को हल करने के उद्देश्य से 1970 में सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस की स्थापना की थी।
बिंदेश्वर पाठक ने सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना की थी। यह एक समाजिक सेवा संगठन है। यह संस्था शिक्षा के माध्यम से मानव अधिकारों, पर्यावरण स्वच्छता और अपशिष्ट को मैंनेज करती है। इसकी भूमिका देशभर में सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण में मुख्य भूमिका रही है। संगठन के फाउंडर बिंदेश्वर पाठक को 1991 में उनके काम और पोर फ्लश टॉयलेट टेक्नोलॉजी पेश करके पर्यावरण को रोकने के लिए पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था। इसके अलावा पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने उन्हें गुड कार्पोरेट सिटिजन अवार्ड, एनर्जी ग्लोब अवार्ड, डब्ल्यूएचओ पब्लिक हेल्थ कैपेन अवार्ड भी दिया गया है। साथ ही उन्हें गांधी शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।
-ओम कुमार





