नवाब मलिक की कस्टडी बढ़ी 7 मार्च तक, ED ने 1993 धमाकों से जुड़ा कॉन्फिडेंशियल स्टेटमेंट अदालत के रखा सामने
👆भाषा ऊपर से चेंज करें
दिल्ली अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के परिवार से जमीन खरीदने से जुड़े मनी लॉड्रिंग मामले में गिरफ्तार महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक की ED कस्टडी 7 मार्च तक बढ़ गई है। कुछ देर पहले मेडिकल करवाने के बाद उन्हें अदालत में फिर से पेश किया गया था। अदालत में मलिक की आगे की कस्टडी को लेकर करीबन दो घंटे तक बहस हुई है। ED की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने पक्ष रखा, जबकि मलिक की ओर से अमित देसाई और तारक सैय्यद ने पैरवी की है।
अदालत में सुनवाई के दौरान एडिशनल सोसलिस्टर जनरल अनिल सिंह ने 1993 बम धमाकों से जुड़ा एक कॉन्फिडेंशियल स्टेटमेंट अदालत के सामने रखा है। ASG ने अदालत से उनकी कस्टडी को 6 दिन तक बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि उन्हें तबियत खराब होने और हॉस्पिटल में एडमिट होने के कारण वे मलिक का स्टेटमेंट रिकॉर्ड नहीं हो सका है। इस मानते हुए अदालत ने मलिक की कस्टडी को चार दिनों के लिए बढ़ा दिया है।
अदालत में सुनवाई का अपडेट
अनिल सिंह ने कहा कि हमने हसीना पारकर के बेटे का बयान अदालत को दिया है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अब भी कई लोगों से पूछताछ के साथ ही लेन-देन की जानकारी और जांच निकालना है। कौन-कौन लोग शामिल हैं, असली मालिक को कुछ पैसे नहीं दिए गए है ऐसे कई सारे मुद्दे हैं।उन्होंने आगे कहा कि तबीयत खराब होने के वजह से पूरी पूछताछ नहीं हो पाई, आगे जो नई जानकारियां आई हैं, उसकी भी जांच करना है। इसलिए 6 दिनों की हिरासत की जरूरत है।
इस पर नवाब मलिक की पैरवी कर रहे वकील अमित देसाई ने कहा कि हमने इस मामले को हाईकोर्ट में भी चैलेंज किया है। रिमांड एप्लीकेशन पढ़ने पर जो मैंने पिछली सुनवाई के समय कहा था, वही सच साबित हो रहा है।अब केवल अदालत के हाथ में है कि इन्हें जमानत दी जानी चाहिए या नहीं। अदालत में ईडी की ओर से नवाब मलिक और अंडरवर्ल्ड गैंग के बीच संबंध होने की बात कही गई थी, यह कहा गया था कि टेरर फंडिंग पर इनका एक्टिवइनवॉल्वमेंट (सक्रिय भागीदारी) रहा है।हसीना पारकर को 55 लाख रुपए देने का आरोप लगाकर इसे टेरर फंड कहा था, लेकिन आज आप देखिए ईडी की एप्लिकेशन में क्या कहा गया है।
नवाब मलिक पहुंचे बॉम्बे हाईकोर्ट
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लॉड्रिंग केस में गिरफ्तार और प्रवर्तन निदेशालय की कस्टडी में चल रहे नवाब मलिक ने मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाकर ED द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले को रद्द करने की मांग की। मलिक ने अपनी याचिका में कहा है कि उनकी गिरफ्तारी अवैध है और उन्होंने तुरंत रिहा करने की मांग की है।
मलिक के बाद अब उनके परिवार पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। आज उनके बेटे फराज मलिक को पूछताछ के लिए ED ऑफिस में तलब किया गया था। हालांकि, मंगलवार को एक पत्र भेज फराज ने ED से एक सप्ताह का समय मांगा था। Read More:यूपी सहित इन राज्यों में होली से पहले जाने वाले यात्रियों को लगा झटका, ये ट्रेनें रहेगी बंद
सोमवार शाम डिस्चार्ज हुए मलिक हॉस्पिटल से
25 फरवरी को पेट में दर्द की शिकायत के बाद मुंबई के जेजे हॉस्पिटल में एडमिट हुए नवाब मलिक सोमवार शाम को डिस्चार्ज हो गए। इसके बाद उन्हें मुंबई के बेलार्ड स्टेट स्थित ईडी (ED) ऑफिस में वापस लाया गया। वे यहां तीन मार्च तक ED की कस्टडी में हैं।
नवाब मलिक पर आरोप यह है
मुंबई में ED के सहायक निदेशक, नीरज कुमार ने एक बयान में कहा,’नवाब मलिक को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत दंडनीय अपराध का दोषी पाया गया है। इसलिए, Prevention of Money Laundering Act, 2002 (2003 का 15) की धारा 19 की उप-धारा (1) के तहत मुझे प्रदान की गई शक्तियों का प्रयोग करते हुए, मैं मोहम्मद नवाब मोहम्मद इस्लाम मलिक को गिरफ्तार करता हूं। 23 फरवरी 2022 को नवाब मलिक को गिरफ्तार किया गया है।”