गाय आत्मनिर्भर भारत की रीढ़- आलोक कुमार
गौसेवा मात्र धर्म नहीं, राष्ट्र सेवा का महान पथ, 5 से 10 नवम्बर को दिल्ली में होगा गौधन समिट 2025 का भव्य आयोजन

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विश्व हिन्दू परिषद (VHP) के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि “गाय अब केवल आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की रीढ़ है। अगर हम गाय की रक्षा नहीं कर सकते, तो अपनी संस्कृति और आत्मसम्मान की रक्षा भी नहीं कर सकेंगे।”
उन्होंने कहा कि देशभर की 22,000 से अधिक गौशालाएं आज आर्थिक स्वावलंबन और पर्यावरण संरक्षण का जीवंत मॉडल बन चुकी हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से गौरक्षा के लिए एक समर्पित, सशक्त और सर्वदलीय कानून बनाने की मांग की। आलोक कुमार ने चेतावनी दी कि अगर पूरे देश में गौरक्षा के लिए एक समान नीति लागू नहीं हुई, तो यह राष्ट्र की सांस्कृतिक नींव को हिला सकता है।
आलोक कुमार ने आगाह किया कि अब गौशालाओं को केवल धार्मिक संस्था मानने की भूल नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, “गौधन ही भारत को फिर से विश्व गुरु बना सकता है। गौरक्षा सिर्फ नैतिक दायित्व नहीं, बल्कि इसे राष्ट्रीय नीति की प्राथमिकता बनाना होगा।” वह राष्ट्रीय गौधन महासंघ के हौज खास स्थित कार्यालय में आयोजित बैठक-सह-प्रदर्शनी को संबोधित कर रहे थे।
गौधन समिट 2025: 5 से 10 नवम्बर, नई दिल्ली में भव्य आयोजन
इस बैठक में गौधन समिट 2025 के आयोजन पर चर्चा हुई। यह समिट इस वर्ष 5 से 10 नवम्बर के बीच मेजर ध्यान चंद नेशनल स्टेडियम, नई दिल्ली में आयोजित होगी। इस भव्य आयोजन में पांच लाख से अधिक प्रतिभागियों के शामिल होने की संभावना है।
उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और समापन के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रण भेजा गया है।
गौधन से आत्मनिर्भरता की ओर
राष्ट्रीय गौधन महासंघ के मुख्य संयोजक विजय खुराना ने जानकारी दी कि पहले जहां 9.5 लाख टन गोबर सड़कों और नालियों में बह जाता था, वहीं अब यही गोबर पर्यावरण–संवेदनशील लकड़ियों में बदलकर लाखों पेड़ों को कटने से बचा रहा है।
उन्होंने कहा कि देशभर में सक्रिय 22,000 से अधिक गौशालाएं जैविक खेती, पंचगव्य औषधियों, गोबर से बनी लकड़ियों और अन्य उत्पादों के माध्यम से 20 लाख से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध करा रही हैं।
गौसेवा ही राष्ट्रसेवा: सुनीता दुग्गल
समिट की संयोजक और पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल ने कहा, “कृष्ण की गाय और शिव के नंदी को सुरक्षित रखे बिना भारत का कल्याण संभव नहीं। गौसेवा मात्र धर्म नहीं, बल्कि राष्ट्र सेवा का महान पथ है।”
उन्होंने बताया कि गौधन समिट के दौरान देशभर की गौशालाएं अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाकर आत्मनिर्भरता के विभिन्न मॉडल प्रस्तुत करेंगी।
बैठक में कई गणमान्य हस्तियों की उपस्थिति
इस बैठक में गौ रक्षा अभियान से जुड़े देशभर की कई प्रमुख हस्तियां मौजूद रहीं और गौरक्षा को राष्ट्रीय आंदोलन बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

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