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गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली अध्यादेश पर विपक्ष को खूब सुनाया
दिल्ली में चीजें नियमों के तहत नहीं चल रही थीं। इसी के चलते नियम बनाने पड़ रहे हैं

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भारतीय संसद के मानसून सत्र में 3 अगस्त 2023, गुरुवार को लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लगाए दिल्ली सर्विस बिल पूरे बहुमत से पारित हो गया। दिल्ली सर्विस बिल पर लगभग 26 संसदों ने चर्चा में भाग लिया और बिल के सम्बन्ध में अपनी बात को सदन में रखा।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली सर्विस बिल पर हुई चर्चा के बाद सबका जवाब देते हुए विपक्ष पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि ”आज बहुत अच्छा लगा की बहुत समय के बाद संसद में चर्चा हो रही है चाहे किसी भी कारण से हो, चाहे जो भी मजबूरी हो, मगर जिस काम के लिए संसद बना है उसके मकसद को पूरा होते हुए देख रहा हूं। अब तक इस मानसून सत्र में 9 बिल पास कर दिए, सब महत्वपूर्ण बिल थे, लेकिन तब विपक्ष पीएम नरेंद्र मोदी के जवाब की मांग पर संसद नहीं चलने देने की बात कर रहा था। आज विपक्षी गठबंधन बचाने के लिए इस बिल पर चर्चा कर रहे हैं.”
संसद में आगे बोलते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर ज़ोरदार हमला करते हुए कहा कि ”विपक्षी दलों को ना लोकतंत्र की चिंता है, ना देश की चिंता है, ना जनता की चिंता है, ये अपने गठबंधन को बचाने के लिए ये सभी लोग यहां आए हैं। विपक्ष के लिए जनता के बिल जरूरी नहीं है, बल्कि गठबंधन से एक छोटी सी पार्टी न भाग जाए, इसकी चिंता है”
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आगे केजरीवाल पर सवाल उठाते हुए कहा कि “बालकृष्ण रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली की सेवा प्रणाली और कार्य प्रणाली केंद्र सरकार के आधीन होनी चाहिए। हर बिल पर और मणिपुर पर चर्चा का विरोध किया, लेकिन दिल्ली अध्यादेश पर सब लोग इकट्ठा हैं। दिल्ली सेवा बिल पास होने के बाद विपक्ष का गठबंधन टूटने वाला है, अरविंद केजरीवाल इसे बाय-बाय कर देंगे।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में बोलते हुए कहा कि “संविधान के तहत केंद्र सरकार को दिल्ली के लिए कानून बनाने का अधिकार है। मैं देश की जनता को, दिल्ली की जनता को, और सारे विपक्षी दलों से बस इतना ही कहना चाहता हूं. जब 1993 में राज्य बना तब 1993 से लेकर 2015 तक इसी नियमों के तहत सर्विसेस केंद्र सरकार के ही हाथ में थी। इस दौरान किसी भी मुख्यमंत्री का झगड़ा नहीं हुआ.कांग्रेस और बीजेपी की सरकारें रहीं थी। सिर्फ मकसद दिल्ली की जनता की सेवा करना था”
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली सरकार सवाल खड़े करते हुए कहा कि “दिल्ली में चीजें नियमों के तहत नहीं चल रही थीं। इसी के चलते नियम बनाने पड़ रहे हैं। दिल्ली सरकार में मंत्रियों के सिग्नेचर के साथ कैबिनेट नोट भेज दिया जाता था”

वंही दिल्ली सर्विस बिल लोकसभा में पास होने के बाद दिल्ली के बीजेपी सासंद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि “विपक्ष शर्मिंदा था। उनमें वोट देने की हिम्मत नहीं थी। इसलिए उन्होंने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। उन्होंने 9 विधेयकों पर चर्चा नहीं की लेकिन वे अपने गठबंधन को बचाने के लिए इस विधेयक पर चर्चा करने आए। उन्होंने इस विधेयक का विरोध नहीं किया लेकिन वॉक-आउट किया। कांग्रेस ने अघोषित रूप से सरकार का समर्थन किया और मतदान में भाग नहीं लिया। यदि आप बाहर निकलते हैं, तो इसका मतलब है कि आप विधेयक का समर्थन करते हैं अन्यथा, आपने इसके विरुद्ध मतदान किया होता”।
-ओम कुमार