आज शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद केंद्र सरकार और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने क्लास 12वीं बोर्ड एग्जाम रद्द करने का फैसला किया है। लंबे समय से स्टूडेंट्स और पैरेंट्स इसकी मांग कर रहे थे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल समेत कुछ अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी कोरोना काल में परीक्षा नहीं कराने की गुज़ारिश की थी. कांग्रेस भी लगातार कोरोना के खतरे के बीच 12वीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग की थी। अरविन्द केजरीवाल ने तो बैठक से पहले ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से परीक्षा रद्द करने की अपील की थी. उन्होंने ट्वीट किया था, 12वीं की परीक्षा को लेकर बच्चे और पेरंट्स काफ़ी चिंतित हैं. वे चाहते हैं कि बिना वैक्सीनेशन 12वीं की परीक्षा नहीं होनी चाहिए. मेरी केंद्र सरकार से अपील है कि 12वीं की परीक्षा रद्द की जाए. पिछले प्रदर्शन के आधार पर उनका आंकलन किया जाए. अब परीक्षा रद्द होने के बाद उन्होंने पीएम मोदी के इस फैसले पर खुशी ज़ाहिर की है. उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि 12वीं की परीक्षा रद्द कर दी गई है. हम सभी अपने बच्चों की सेहत को लेकर फिक्रमंद थे। ये बड़ी राहत है.”
सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले पर सुनवाई चल रही थी। कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि अगर आप पिछले साल की तरह परीक्षा रद्द न करने का निर्णय लेते हैं, तो उसका उचित कारण बतायेंगे। आज बैठक के बाद पीएम मोदी ने कहा कि स्टूडेंट्स के हित का ध्यान रखते हुए यह फैसला लिया गया है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने बैठक कहा कि ‘स्टूडेंट्स का स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा सर्वप्रथम प्राथमिकता है, जिससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता। एग्जाम को लेकर स्टूडेंट्स, पैरेंट्स और टीचर्स में जो तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है, उसे खत्म करना चाहिए। सभी भागीदारों के इस मामले में संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।’ बच्चों की सुरक्षा और सेहत सर्वोपरि है. ऐसे माहौल में बच्चों को तनाव देना उचित नहीं है. पीएम ने कहा कि बच्चों की जान खतरे में नहीं डाल सकते हैं. बैठक में फैसला लिया गया है कि 12वीं कक्षा के नतीजे समयबद्ध तरीके से एक अच्छी तरह से परिभाषित उद्देश्य मानदंड के अनुसार बनाए जाएंगे. बता दें कि 14 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं इस बार परीक्षा में बैठने वाले थे. देश के कुछ राज्यों में जहां माइक्रो-कंटेनमेंट जोन बनाकर संक्रमण का दर कम हो रहा है, वहीं कुछ जगहों पर अब भी लॉकडाउन लगा है। ऐसी परिस्थिति में पैरेंट्स, टीचर्स और स्टूडेंट्स खुद भी स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। ऐसे तनावपूर्ण माहौल में स्टूडेंट्स पर बोर्ड परीक्षा में शामिल होने का दबाव नहीं डालना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा रद्द करने के बाद ट्वीट किया, “भारत सरकार ने सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा रद्द करने का फैसला किया है. व्यापक विचार-विमर्श के बाद हमने स्टूडेंट फ्रेंडली और छात्रों की सुरक्षा और उनके भविष्य को लेकर ये फैसला लिया है.”
केंद्र व सीबीएसई ने कहा है कि समय के अनुसार उचित क्राइटीरिया के तहत मार्किंग की जाएगी और रिजल्ट तैयार होगा। वहीं स्टूडेंट्स को पिछली बार की तरह परीक्षा देने का विकल्प भी दिया जाएगा। जो स्टूडेंट्स अपने मार्क्स से संतुष्ट नहीं होंगे वे बाद में एग्जाम देने का विकल्प चुन सकेंगे।