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Bhopal Fire:भोपाल के सतपुड़ा भवन में लगी आग पर लगभग 14 घंटे बाद पाया काबू

सीआईएसएफ, सेना सहित सभी एजेंसियां भीषण आग बुझाने के लिए एक साथ आईं

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मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में मध्य प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों के कार्यालयों वाले ‘सतपुड़ा भवन’ में सोमवार शाम भयंकर आग लग गई। जिससे लगभग 25 करोड़ के फर्नीचर के साथ-साथ महत्वपूर्ण दस्तावेज जलकर खाक हो गए। आग का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 50 दमकल की गाड़ियां भी आग पर काबू पाने में कामयाब नही हो पाई।
     सतपुड़ा भवन के तीसरी मंजिल पर ये भीषण आग लग गई,आग इतनी भयंकर और विकराल थी कि इसे बुझाने के लिए अधिकारियों ने सेना, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) और तेल कंपनियों की दमकल की गाड़ियां भी मंगवानी पड़ीं।
    जानकारी के मुताबिक जनजातियें आदिवासी कल्याण विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय के सरकारी भवन की तीसरी मंजिल से शुरू हुई और जल्द ही चौथी, पांचवीं और छठी मंजिल तक फैल गई, स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय में महत्वपूर्ण सरकारी फाइलें भी जलकर खाक हो गई।
     भारत सरकार के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के निर्देश पर एयरफोर्स के विमान और एमआई हेलीकॉप्टर रात भोपाल पहुंचें। सीआईएसएफ, सेना सहित सभी एजेंसियों ने भीषण आग पर काबू पाया जा सका।
     मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अग्निशमन अभियान की प्रगति की निगरानी स्वयं कर रहे हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फोन के माध्यम से सतपुड़ा भवन में आग लगने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जानकारी ली। वंही मध्यप्रदेश सरकार में गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, केबिनेट मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने घटना स्थल पर मौजूद रहकर स्तिथि का निरीक्षण किया। जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने आग के कारणों की जांच के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह), प्रमुख सचिव (शहरी विकास), प्रमुख सचिव (पीडब्ल्यूडी) और एडीजी (अग्निशमन) को शामिल करते हुए जांच पैनल भी गठित किया है।
      मिल रही जानकारी के मुताबिक सतपुड़ा के जिस फ्लोर में आग लगी है, उसमें मूल रूप से तीन विभाग हैं, आदिम जाति कल्याण विभाग, लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग, लोकनिर्माण विभाग और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के दफ्तर मौजूद हैं जो आग की चपेट में आ गए हैं। सतपुड़ा भवन में 6 फ्लोर हैं। यहां नेशनल इंफार्मेशन सिस्टम (एनआइसी), जनजातीय कार्य विभाग, स्वास्थ्य, वन समेत कई विभाग संचालित होते हैं। इनमें एक हजार से अधिक कर्मचारी काम करते हैं।
-ओम कुमार
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