साहित्य अकादेमी में ईरान के प्रकाशकों का दल हुआ शामिल, अनुवाद और सांस्कृतिक सहयोग पर चर्चा
फ़ारसी और भारतीय भाषाओं के बीच परस्पर अनुवाद को लेकर हुई चर्चा

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आज साहित्य अकादेमी में ईरान के प्रकाशकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने विशेष भ्रमण किया। इस भ्रमण का मुख्य उद्देश्य फारसी और भारतीय भाषाओं के बीच अनुवाद की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी और सहज बनाना था। प्रतिनिधिमंडल में ईरान बुक एंड लिटरेचर हाउस के मैनेजिंग डायरेक्टर इब्राहिम सब्ज़ेह, इंटरनेशनल डिपार्टमेंट हेड हुसैनली सब्ज़ेह और ग्रीन पॉम पब्लिकेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर हुसैन बहरामी शामिल थे। इसके अलावा, ईरान कल्चर सेंटर के कुछ पदाधिकारी भी दल में शामिल थे।
सभी का स्वागत साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने अंगवस्त्रम पहनाकर किया। इस अवसर पर उन्होंने दोनों देशों के साहित्य के बीच एक मजबूत सेतु बनाने के महत्व पर जोर दिया। सचिव ने सुझाव दिया कि यदि भारत और ईरान के महत्त्वपूर्ण बाल साहित्य और युवा साहित्य का अनुवाद किया जाए, तो यह दोनों देशों की नई पीढ़ी को एक-दूसरे के करीब लाने में सहायक होगा।
इसके अलावा, अनुवाद के अलावा वितरण और प्रकाशन के माध्यम से दोनों देशों के साहित्य को आम पाठकों के लिए और अधिक सुलभ बनाने पर भी विचार विमर्श हुआ। दल ने साहित्य अकादेमी की बुकशॉप का भी दौरा किया और वहां प्रदर्शित पुस्तकों तथा भारतीय साहित्यकारों पर बने वृत्तचित्रों में गहरी रुचि दिखाई। इस भ्रमण के दौरान दोनों देशों के प्राचीन सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत बनाने के विषय पर भी विचार किया गया।


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