सरकारी दखल पर भड़के सरना, बोले- गुरुद्वारे नहीं बनने देंगे सत्ता का मोहरा
दिल्ली गुरुद्वारों को सरकारी क़ब्ज़े से मुक्त कराने को शिरोमणि अकाली दल की अरदास

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दिल्ली स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब में आज शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली इकाई) की ओर से एक धार्मिक समागम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सरदार परमजीत सिंह सरना ने किया। इस मौके पर समूचे दल ने मिलकर चौपई साहिब का पाठ किया और तत्पश्चात दिल्ली के गुरुद्वारों को सरकारी सरपरस्ती में क़ब्ज़ा जमाए हुए गुटों से मुक्त कराने हेतु श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के समक्ष अरदास की गई।
इस धार्मिक समर्पण के साथ एक मजबूत संदेश भी दिया गया कि शिरोमणि अकाली दल अब दिल्ली के गुरुघरों की पवित्रता और स्वायत्तता को बनाए रखने के लिए निर्णायक संघर्ष करेगा।
सरना का आरोप – “नरैणू महंत के वारिस लूट रहे हैं गुरु की गोलक”
इस अवसर पर सरदार परमजीत सिंह सरना ने कहा कि आज कुछ लोग नरैणू महंत की विचारधारा के वारिस बनकर, जैसे कि कालका और काहलों, सरकारी सहयोग से दिल्ली के ऐतिहासिक गुरुद्वारों पर क़ब्ज़ा जमाए बैठे हैं। सरना ने आरोप लगाया कि ये लोग गुरु की गोलक को लूटने, सिख सिद्धांतों को तोड़-मरोड़ने और सिखों की संपत्तियों का दुरुपयोग करने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने खुलासा किया कि हाल ही में इन लोगों ने सरकारी हस्तक्षेप के बलबूते दो सदस्यों की सदस्यता रद्द करवाई और अन्य सदस्यों को पैसे और सत्ता के बल पर ख़रीदने की कोशिश की। उनका मकसद है कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) जैसी क़ौमी और धार्मिक संस्था पर अपना नियंत्रण बनाए रखा जाए।
शिरोमणि अकाली दल लड़ेगा आर-पार की लड़ाई
सरदार सरना ने कहा कि चाहे इन लोगों को सरकारी सरपरस्ती का घमंड हो, लेकिन शिरोमणि अकाली दल श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की शरण लेकर, नरैणू महंत की विरासत चलाने वाले इन गुटों के ख़िलाफ़ आर-पार की लड़ाई लड़ेगा। उन्होंने यह भी बताया कि सोमवार को अकाली कार्यकर्ता प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपेंगे, जिसमें सरकारी हस्तक्षेप को बंद करने की मांग की जाएगी।
“धीरमल और रामराय जैसे हैं मौजूदा निज़ाम के लोग”

शिरोमणि अकाली दल की कोर कमेटी के वरिष्ठ सदस्य सरदार मनजीत सिंह जी.के. ने इस अवसर पर ऐतिहासिक दृष्टांत देते हुए मौजूदा कमेटी के नेताओं की तुलना रामराय और धीरमल से की, जो अपने निजी स्वार्थों के लिए गुरु साहिब की शिक्षाओं से भटक गए थे। उन्होंने कहा कि औरंगज़ेब की सोच का मुकाबला जिस प्रकार श्री गुरु हरकृष्ण साहिब जी ने किया, उसी तरह आज हमें भी ऐसे भ्रष्ट और सत्तालोलुप गुटों के ख़िलाफ़ संगठित होकर खड़ा होना होगा।
प्रमुख अकाली नेता रहे उपस्थित
इस आयोजन में दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में अकाली कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल थे:
- सरदार हरविंदर सिंह सरना
- सरदार जतिंदर सिंह साहनी
- सरदार परमजीत सिंह राणा
- सरदार करतार सिंह चावला
- सरदार तजिंदर सिंह गोपा
- सरदार अमरीक सिंह विकासपुरी
- सरदार जतिंदर सिंह सोनू
- सरदार रमंदीप सिंह सोनू
- सरदार परमिंदरपाल सिंह एम.एन.
- सरदार परमजीत सिंह खुराना
इस कार्यक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया कि शिरोमणि अकाली दल अब गुरुघरों की अस्मिता और मर्यादा को बचाने के लिए पूरी तरह संकल्पबद्ध है और आने वाले दिनों में इस संघर्ष को और भी व्यापक बनाया जाएगा।
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