photo galleryब्रेकिंग न्यूज़हेल्थ/फूड
Trending

मरीज के पहुंचने से पहले ही अस्पताल को महत्वपूर्ण जानकारियां दे देगी 5जी कनेक्टेड एम्बुलेंस

क्लाउड बेस्ड 5जी कंट्रोल्ड रोबोट्स के इस्तेमाल के कारण गलती की गुंजाइश न के बराबर होगी। रोबोट फ्लीट मैनेजमेंट सिस्टम से इनका रख-रखाव व सेनेटाइजेशन भी इंसानों की तुलना में आसान होगा  

👆भाषा ऊपर से चेंज करें

इंडियन मोबाइल कांग्रेस में रिलायंस जियो ने एक 5जी कनेक्टिड एम्बुलेंस पेश की है। यह ऐसी एम्बुलेंस है जो मरीज की सारी अहम जानकारियां रियल टाइम में अस्पताल को डिजिटली पहुंचा देगी और वह भी मरीज के पहुंचने से पहले। मेडिकल एमरजेंसी की हालात में अस्पताल में मौजूद डॉक्टर मरीज के पहुंचने से पूर्व ही सभी जरूरी मेडिकल इंतजाम कर सकते हैं। भविष्य में मेडिकल इंडस्ट्री की शक्ल किस कदर बदल जाएगी इसका अंदाजा आप इस एम्बुलेंस को देख कर लगा सकते हैं।
जियो पवेलियन में एक ऐसी रोबोटिक आर्म भी देखने को मिलेगी, जो एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड करने में माहिर है। दरअसल Jio True 5G के जरिए सैकड़ों मील दूर बैठा रेडियोलॉजिस्ट या सोनोग्राफर इसे आसानी से चला सकता है। यह रोबोटिक आर्म शहर में बैठे रेडियोलॉजिस्ट को ग्रामीण रोगियों से सीधे जोड़ देगी। एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड जैसी मूलभूत मेडिकल जरूरतों के लिए अब ग्रामीणों को शहर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे और रिपोर्ट भी घर बैठे ही मिल जाएगी।
रिलायंस दीवाली पर 5जी सर्विस की शुरूआत कर रही है। अपने True 5G नेटवर्क की हाई स्पीड और लो-लेटेंसी के भरोसे, रिलायंस जियो रोजमर्रा की जिंदगी में काम आने वाले कई टेक्निकल सॉल्युशन्स पर भी काम कर रही है। इन्ही में से एक है जियो 5जी हेल्थकेयर ऑटोमेशन। कोविड महामारी के दौरान अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में कई फ्रंटलाइन वर्कर्स को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। रिलायंस जियो ऐसे 5जी कंट्रोल्ड रोबोट्स की तकनीक पर काम कर रहा है जो आइसोलेशन वार्ड्स के साथ साथ अन्य मरीजों को भी दवाईयां और खाना पहुंचाने का काम कर सकेंगे। क्लाउड बेस्ड 5जी कंट्रोल्ड रोबोट्स के इस्तेमाल के कारण गलती की गुंजाइश न के बराबर होगी। रोबोट फ्लीट मैनेजमेंट सिस्टम से इनका रख-रखाव व सेनेटाइजेशन भी इंसानों की तुलना में आसान होगा और सबसे बड़ी बात हजारों फ्रंटलाइन वर्कर्स और मरीजों की जान बचाई जा सकेगी।
Tags

Related Articles

Back to top button
Close