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पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का 75 साल की उम्र में निधन

समाजवाद वाली राजनीति के जरिए जनता के बीच बनाने वाले नेता शारद यादव का जाना उनके समर्थकों को दुखी कर गया है।

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पूर्व केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव (Sharad Yadav) का गुरुवार रात निधन हो गया।  75 साल की उम्र में शरद यादव ने गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में ली अंतिम सांस। समाजवाद वाली राजनीति के जरिए जनता के बीच बनाने वाले नेता शारद यादव का जाना उनके समर्थकों को दुखी कर गया है।
बिहार के कद्दावर नेता शरद यादव की बेटी सुभाषिनी (Subhashini) ने ट्विटर के माध्यम से अपने पिता की मौत पर शोक व्यक्त करते उन्होंने लिखा है कि “पापा नहीं रहे.
इस महान नेता ने अपने कई दशक की राजनीति में काफी कुछ देखा है। बिहार में लालू राज के चश्मदीद रहे थे, जेडीयू (JDU)को जमीन पर मजबूत किया था और कई अहम राजनीतिक घटनाओं में एक सक्रिय भूमिका निभाने वाले रहे”
उनके निधन पर राजनीतिक जगत में शोक की लहर है। उनके देहांत पर प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी ने ट्विट द्वारा दुख जताया।
उन्होंने कहा कि शरद यादव के निधन से बहुत दुख हुआ। अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने खुद को सांसद और मंत्री के रूप में प्रतिष्ठित किया। वे डॉ. लोहिया के आदर्शों से काफी प्रभावित थे। मैं हमेशा हमारी बातचीत को संजो कर रखूंगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्विट द्वारा कहा:–
कि देश की समाजवादी धारा के वरिष्ठ नेता, जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव के निधन से दुःखी हूं। एक पूर्व केंद्रीय मंत्री व दशकों तक एक उत्कृष्ट सांसद के तौर पर देश सेवा का कार्य कर उन्होंने समानता की राजनीति को मजबूत किया। उनके परिवार एवं समर्थकों को मेरी गहरी संवेदनाएं।
कांग्रेस पार्टी की ओर से ट्ववीट किया गया,

‘JDU के पूर्व अध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय मंत्री, वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव का निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके परिवार एवं समर्थकों को यह पीड़ा सहने की शक्ति प्रदान करें।

पूर्व केंद्रीय मंत्री, वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव का राजनैतिक सफर
शरद यादव ने अपने राजनैतिक सफर की शुरुआत छात्र राजनीति से की डॉ राममनोहर लोहिया के विचारों से बहुत प्रभावित होकर वे युवा नेता के रूप में कई आंदोलनों जुड़ गए। वर्ष 1974 में वे मध्य प्रदेश की जबलपुर लोकसभा सीट से जीत हासिल करके संसद पहुंचे।  इस जीत के बाद वर्ष 1977 में भी वे जबलपुर सीट से सांसद बने। इसके बाद वर्ष 1986 में वे राज्यसभा सांसद और 1989 में बदायूं से लोकसभा सांसद बने। इसके बाद वीपी सिंह सरकार में वे पहली बार कपड़ा और खाद्य प्रसंस्करण विभाग के मंत्री बने। वर्ष 1991 में उन्होंने बिहार की मधेपुरा लोकसभा सीट से जीत हासिल की। इसके 4 साल बाद उन्हें वर्ष 1995 में जनता दल का कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया। उन्होंने वर्ष 1996 में 5वीं बार लोकसभा का चुनाव जीता। करीब 2 साल बाद यानी वर्ष 1997 में उन्हें जनता दल का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। साल 1998 में जनता दल कई हिस्सों में बिखर गया। शरद यादव ने जॉर्ज फर्नांडीज को साथ लेकर जनता दल यूनाइटेड नाम की पार्टी बनाई जिसमें बाद में नीतीश कुमार भी जुड़ गए। इसके बाद एनडीए गठबंधन में शामिल होकर वे अटल सरकार में केंद्रीय मंत्री बने। वर्ष 2004 में वे राज्यसभा से दूसरी बार सांसद बने। इसके बाद वर्ष 2009 में 7वीं बार लोकसभा सांसद बने। वर्ष 2012 में यूपीए गवर्नमेंट के दौरान उन्हें पार्लियामेंट का ‘उत्कृष्ट सांसद पुरस्कार 2012’ पुरस्कार दिया गया। इसके 2 साल बाद मोदी लहर में वे मधेपुरा सीट से वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव हार गए। इस हार के साथ ही उनका
राजनीतिक सफर थम गया। वे कुछ समय पहले आरजेडी में शामिल हुए थे।
-ओम कुमार
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