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Trade Fair 2022: सभी को लुभाएगा केरल का कुदुंबश्री स्टॉल
केरल पैवेलियन के कुदुंबश्री स्टॉल में आपको कई तरह के मसाले, नारियल तेल, कॉफी, मुन्नार की पहाड़ियों से आई चाय, ड्रायड फिश और अचार से लेकर नारियल के छिलकों से बने रसोई के बर्तन, आयुर्वेदिक तेल जैसे कई उत्पाद मिलेंगे

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दिल्ली में चल रहे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 2022 (iitf) में केरल पैवेलियन का कुदुंबश्री स्टॉल लोगों को भारी संख्या में लुभा रहा है दक्षिण भारत के कई शानदार व्यंजन का आनंद लिया जा रहा है। हालांकि कोई भी यहां मिलने वाले स्वाद के पीछे के रहस्य को नहीं जान पाएगा। असल में यह महिलाओं के स्वयं सहायता समूह के समर्पण का परिणाम है, जो पिछले 24 वर्ष से इसे संचालित कर रही हैं।
इन महिलाओं के जीवन का सफर बहुत आसान नहीं रहा है। 1998 में शुरुआत से अब तक उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। हालांकि इन महिलाओं ने अपने अथक परिश्रम से आज एशिया का सबसे बड़ा महिला स्वयं सहायता समूह बना लिया है। इनके सक्रिय सदस्यों की संख्या लगभग 45 लाख है।
केरल पैवेलियन के कुदुंबश्री स्टॉल में आपको कई तरह के मसाले, नारियल तेल, कॉफी, मुन्नार की पहाड़ियों से आई चाय, ड्रायड फिश और अचार से लेकर नारियल के छिलकों से बने रसोई के बर्तन, आयुर्वेदिक तेल जैसे कई उत्पाद मिलेंगे। ये स्टॉल 19 से 27 नवंबर तक आम लोगों के लिए खुला रहेगा।

कुदुंबश्री का उद्देश्य महिला सदस्यों को बैंकों एवं विभिन्न वित्तीय संस्थानों से छोटे लोन दिलवाना और उन्हें ग़रीबी के दुष्चक्र से बाहर निकालना है। इसमें समूह के स्तर पर सामाजिक जिम्मेदारी उठाई जाती है। समूह की महिला सदस्य अपने स्तर पर भी पैसे जुटाकर फंड तैयार करती हैं। लोन चुकाने की जिम्मेदारी सामूहिक स्तर पर उठाई जाती है। वर्तमान समय में यह समूह कैंटीन, होटल, छोटे उद्यम, बुजुर्गों के लिए होमकेयर सर्विस, पैलिएटिव केयर सर्विस, कम्युनिटी काउंसिलिंग से लेकर कई अलग-अलग गतिविधियों को संचालित कर रही है। समूह ने राज्य सरकार एवं पंचायत राज की संस्थाओं से जुड़कर कई सामाजिक अभियानों(Social Campaigns) में भी सक्रिय भूमिका निभा रहा है। अभी कुदुंबश्री के साथ 71,500 उद्यम पंजीकृत हैं, जिनसे 1.8 लाख सदस्य जुड़ी हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत छत्तीसगढ़, झारखंड एवं बिहार जैसे कई राज्य इस मॉडल पर अध्ययन कर रहे हैं, जो लाखों परिवारों को गरीबी से बाहर निकालने में सफल हुआ है।
-ओम कुमार





