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नई दिल्ली। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा (पंजीकृत 2150, नई दिल्ली) और चित्रांश चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (CCCI) ने घोषणा की है कि विश्व कायस्थ सम्मेलन 2025 का आयोजन आगामी 23 और 24 अक्टूबर को तालकटोरा स्टेडियम, नई दिल्ली में किया जाएगा। यह आयोजन यम द्वितीया (भाई दूज) के शुभ अवसर पर होगा, जिसे परंपरागत रूप से भगवान चित्रगुप्त की पूजा के साथ मनाया जाता है।
राष्ट्रीय चेयरमैन डॉ. अभिषेक वर्मा ने बताया कि यह सम्मेलन कायस्थ समुदाय के लिए अपनी एकजुटता और शक्ति प्रदर्शित करने का ऐतिहासिक अवसर होगा। उन्होंने भारत के अनुमानित 12 करोड़ कायस्थों से आह्वान किया कि वे एकजुट होकर 2047 तक भारत को ‘विश्व गुरु’ बनाने की दिशा में योगदान दें।
कायस्थ समुदाय की ऐतिहासिक भूमिका
कायस्थ समुदाय की उत्पत्ति भगवान चित्रगुप्त से मानी जाती है, जिन्हें यमराज के खाताधारक के रूप में पूजा जाता है। सदियों से कायस्थों ने प्रशासन, कूटनीति, शिक्षा, साहित्य और शासन में केंद्रीय भूमिका निभाई है—चाहे प्राचीन शाही दरबार हों या आधुनिक नौकरशाही और न्यायपालिका। कई विद्वान कायस्थों को एक स्वतंत्र वर्ण मानते हैं, जिनकी परंपरा ज्ञान और शासन में निहित है।
महान विभूतियों को श्रद्धांजलि
सम्मेलन के दौरान कायस्थ समुदाय की महान विभूतियों को श्रद्धांजलि दी जाएगी, जिनमें प्रमुख नाम हैं:
- स्वामी विवेकानंद
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद
- लाल बहादुर शास्त्री
- जयप्रकाश नारायण
- प्रेमचंद
- हरिवंश राय बच्चन
- गोपालदास नीरज
- बीजू पटनायक
- ज्योति बसु
साथ ही, बालासाहेब ठाकरे को 1966 में शिवसेना की स्थापना कर भारतीय राजनीति में उनके योगदान के लिए विशेष श्रद्धांजलि दी जाएगी।
श्रीकांत वर्मा सम्मान की स्थापना
डॉ. अभिषेक वर्मा ने अपने पिता, प्रसिद्ध कवि और सांसद स्व. श्रीकांत वर्मा की स्मृति में ‘श्रीकांत वर्मा सम्मान’ की घोषणा की। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष प्रदान किया जाएगा, जिसमें—
- ₹21 लाख हिंदी साहित्य के लिए (हिंदी साहित्य का सर्वोच्च पुरस्कार)
- ₹5 लाख पत्रकारिता के लिए
- ₹2-2 लाख कला और प्रदर्शन कला के लिए शामिल होंगे।
सम्मेलन के आकर्षण
राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि इस दो दिवसीय आयोजन में 25,000 से अधिक प्रतिभागियों के शामिल होने की संभावना है। कार्यक्रम में होंगे—
- राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा
- वैवाहिक सम्मेलन
- मेगा जॉब फेयर
- व्यवसाय व राजनीतिक कार्यशालाएं
साथ ही, उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में स्वामी विवेकानंद की 111 फीट और भगवान चित्रगुप्त की 81 फीट ऊंची मूर्तियां स्थापित करने की भी योजना बनाई गई है।
सामाजिक व राजनीतिक एकता का संदेश
विश्व कायस्थ सम्मेलन 2025 को केवल सांस्कृतिक उत्सव ही नहीं, बल्कि सामाजिक एकता, राजनीतिक जागरूकता और नए नेतृत्व की शुरुआत के रूप में भी देखा जा रहा है। आयोजन का उद्देश्य कायस्थ समुदाय को एकजुट कर एक संगठित शक्ति के रूप में स्थापित करना है, ताकि 2047 तक भारत को वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर किया जा सके।
प्रमुख पदाधिकारी रहे उपस्थित
इस अवसर पर संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी—कवि विष्णु सक्सेना (अध्यक्ष, साहित्यिक प्रकोष्ठ), राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एडवोकेट सुनील निगम, राष्ट्रीय महासचिव मनोज श्रीवास्तव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विवेक कुलश्रेष्ठ, महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष निशी कुलश्रेष्ठ समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। -यशप्रीत कौर
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