Poem by Damini Yadav
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मेरे अलफ़ाज़/कविता
अधूरापन: एक कविता जो रचती हैं रिश्तों की गहराई को
अधूरापन.. मुझे इंकार है हर उस सूरज के साथ से जहां मैं सूरजमुखी बनी उसे निहारना ही अपना फ़र्ज़ पाऊं…
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मेरे अलफ़ाज़/कविता
मन के बदलते रंग: एक अजीब दौर
ग़र्दिशे-दौरां के नाम ये दौर है कुछ अजीबो-ग़रीब ये दौर है कुछ पेंचीदा सा, नाउम्मीदी का भी नाम नहीं उम्मीदों…
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मेरे अलफ़ाज़/कविता
परदेस की साथी के नाम: एक अनूठी दोस्ती
परदेस की साथी के नाम ओ चिड़िया मेरे छज्जे आ पानी पी और दाना खा, मुझसे छूटा हुआ बसेरा तू…
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मेरे अलफ़ाज़/कविता
मन के बदलते रंग….
मन के बदलते रंग शाम तक सुबह का इंतज़ार सोए भी देर तलक मगर आंखों की जलन कुछ कम न…
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मेरे अलफ़ाज़/कविता
सतरंगी रंग: जीवन की विविधता और परिप्रेक्ष्य
सतरंगी रंग जुगनू हूं तो क्या, अंधेरे का हिस्सा तो नहीं हूं क़र्ज़दार तो हूं ज़माने की, पर बेईमानी…
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