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Noida Nithari Case: सुरेंद्र कोहली और मोनिंदर सिंह पंढेर बड़ी, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

29 दिसम्बर साल 2006 को नोएडा के निठारी इलाके में मोनिंदर सिंह पंढेर के बंगले के पीछे स्थित नाले से कई कंकाल बरामद किए गए थे। इस बहुचर्चित मामले में सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को नोएडा की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बाद में इस मामले को केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को सौंप दिया था। इस पूरे मामले में 16 मुकदमे दर्ज किए गए थे। सीबीआई ने कोर्ट में साल 2007 में आरोप पत्र दाखिल किया था

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उत्तर प्रदेश के नोएडा का बहुचर्चित निठारी कांड में आज यानी 16 अक्टूबर, सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निठारी मामले में आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को बरी करने का आदेश दिया है। दोनों आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है। इसके साथ ही दोनों को मिली फांसी की सजा भी रद्द कर दी गई है।
    जानकारी के लिए बता दें कि सुरेंद्र कोली को 12 मामले और मनिंदर सिंह पंढेर को 2 मामलों में फांसी की सजा मिली हुई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट द्वारा सुनाई गई फांसी की सजा को रद्द कर दिया है। इस मामले की कई दिनों की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार, 16 अक्टूबर 2023 को फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एसएएच रिजवी की कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. इस मामले पर अलग-अलग खंडपीठों ने 134 दिन की लंबी सुनवाई की है।
     उत्तर प्रदेश के सबसे चर्चित निठारी कांड में मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली और एक अन्य आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर को एक निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ दोनों आरोपियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर कई दिनों की सुनवाई के बाद आज फैसला सुनाते हुए दोनों आरोपियों को बरी कर दिया गया।
     जानकारी के लिए बता दें कि 29 दिसम्बर साल 2006 को नोएडा के निठारी इलाके में मोनिंदर सिंह पंढेर के बंगले के पीछे स्थित नाले से कई कंकाल बरामद किए गए थे। इस बहुचर्चित मामले में सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को नोएडा की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बाद में इस मामले को केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को सौंप दिया था। इस पूरे मामले में 16 मुकदमे दर्ज किए गए थे। सीबीआई ने कोर्ट में साल 2007 में आरोप पत्र दाखिल किया था।
     जानकारी के मुताबिक इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीधे तौर पर कोई सबूत और गवाह नहीं होने के आधार पर दोनों दोषियों को बरी किया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से सीबीआई को बड़ा झटका लगा है। हालांकि रिम्पा हलदर मर्डर केस में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने ही सुरेंद्र कोली की फांसी की सजा को बरकरार रखा था। इन्हीं सबूतों के आधार पर रिम्पा हलदर मर्डर केस में दोनों को फांसी की सजा मिली थी।
-ओम कुमार
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