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Monsoon Session: विपक्ष के हर सवाल का जवाब दिया जाएगा -अमित शाह
जो अविश्वास प्रस्ताव हम नियम 198 के तहत लेकर आए हैं, वो महज कांग्रेस का नहीं बल्कि I.N.D.I.A (विपक्षी गुट) के सभी घटक दलों का सामूहिक अविश्वास प्रस्ताव है -मनीष तिवारी

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संसद के मानसून सत्र की शुरूआत हंगामेदार हुई थी और अभी भी सदन हंगामा बरकरार है। संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा में मणिपुर हिंसा पर हंगामा लगातार जारी है। सदन की कार्रवाई को कई बार स्थगित करना पड़ रहा है। विपक्षी दल मणिपुर हिंसा पर दोनों सदनों में इस मुद्दे पर चर्चा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जवाब चाहते हैं। वंही केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में कहा कि सरकार मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर चर्चा करनी चाहती है और विपक्ष के हर सवाल का जवाब भी दिया जाएगा।

वंही इसी बीच 26 जुलाई बुधवार को मणिपुर हिंसा मुद्दे को लेकर विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई है। कांग्रेस के सासंद गौरव गोगोई ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया जिसे 50 सांसदों के समर्थन के बाद लोकसभा स्पीकर ने स्वीकार कर लिया। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक अगले हफ्ते अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कराई जा सकती है और ये चर्चा 2 दिनों तक हो सकती है।

लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने अविश्वास प्रस्ताव पर कहा कि सभी पार्टियों के नेताओं के साथ बैठक के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बारे में जानकारी देंगे। वंही जानकारी के लिए बता दें कि सदन में अविश्वास प्रस्ताव के लिए कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई के बाद भारत राष्ट्र समिति (BRS) के सांसद मामा नागेश्वर राव ने भी अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन किया था।

कांग्रेस के नेता और सांसद मनीष तिवारी ने अविश्वास प्रस्ताव पर मीडिया को सम्बोधित करते हुए कहा कि “जो अविश्वास प्रस्ताव हम नियम 198 के तहत लेकर आए हैं, वो महज कांग्रेस का नहीं बल्कि I.N.D.I.A (विपक्षी गुट) के सभी घटक दलों का सामूहिक अविश्वास प्रस्ताव है। हमें केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की जरूरत पड़ी, क्योंकि 84 दिनों से मणिपुर के हालात बिगड़े हुए हैं, कानून व्यवस्था चरमरा गई है, कौमों के बीच विभाजन हो गया है, सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है, मणिपुर की राज्यपाल संविधान में दी हुई धाराओं का इस्तेमाल नहीं कर रही हैं।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने आगे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि “पीएम मोदी को दोनों सदनों में मणिपुर पर विस्तृत बयान देना चाहिए, क्योंकि ऐसे बहुत सारे सवाल हैं जिनका जवाब केवल सरकार का शीर्ष नेतृत्व दे सकता है। प्रधानमंत्री सदन से बाहर बयान दे सकते हैं तो उन्हें सदन में बोलने में कैसी हिचकिचाहट है। प्रधानमंत्री को इस अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देना चाहिए। केंद्र सरकार, सदन का विश्वास खो चुकी है. हमारी मांग है कि सभी कामों को शिथिल करते हुए, लोकसभा अध्यक्ष को प्राथमिकता के साथ कल ही अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करनी चाहिए”।
जानकारी के लिए बता दें कि साल 2018 में भी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के ख़िलाफ़ विपक्ष सदन में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर आया था। सदन में 11 घंटों की लंबी बहस के बाद आखिरकार मोदी सरकार ने सदन में अपना बहुमत साबित कर दिया था। वोटिंग के बाद सदन में विपक्ष का लाया गया अविश्वास प्रस्ताव 325 मतों के मुकाबले 126 मतों से गिर गया था।
-ओम कुमार





