Interesting Fact: World Map में ढूंढने से भी नहीं मिलेंगे ये 7 देश, ज्यादातर लोगों को नाम तक पता नहीं
दुनिया में कई तरह के नक्शे (World Maps) मौजूद हैं. वर्ल्ड मैप में आपो कुल 195 देश हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नक़्शे में ऐसे सात देश (7 Countries Not Present In World Map) हैं, जो शामिल ही नहीं किये गए हैं।

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यूएन द्वारा जारी लिस्ट के मुताबिक़,दुनिया में कुल 195 देश हैं। इसमें 193 देश यूनाटेड नेशन के सदस्य हैं जबकि दो नॉन मेंबर हैं। बीच-बीच में कई अन्य देश भी लिस्ट में शामिल होते रहते हैं,लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे देशों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो वर्ल्ड मैप में (7 Countries Not Present In World Map) आपको दिखाई नहीं देंगे। इन देशों के बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं है। कई लोगों को तो इन देशों के नाम तक नहीं पता है।
दुनिया के किसी नक़्शे में नहीं मिलेंगे ये देश
– ट्रांसनिस्ट्रिया: ये देश 1990 में बना था. इससे पहले ये चिसिनाऊ में शामिल था. ये देश वर्ल्ड मैप में शामिल नहीं है. लेकिन इसके बाद भी इस देश की अपनी अलग सेना, करेंसी और झंडा भी है.
-सोमालीलैंड: 1991 में अचानक सोमालिया में हिंसा भड़क गई थी. इसके बाद सोमालिया के नॉर्थ-वेस्ट हिस्से ने अपने आप को स्वतंत्र घोषित कर दिया था. इसके बाद बना था सोमालीलैंड. इस देश का अपना अलग झंडा और करेंसी भी है.
-इराकी कुर्दिस्तान: 1970 से ही इराक के अंदर ही ये इराकी कुर्दिस्तान स्वतंत्र देश मौजूद है. वैसे तो ये देश इराक के अंदर ही मौजूद है लेकिन इसकी अपनी अलग आर्मी, सरकार और बॉर्डर भी है.
-वेस्टर्न सहारा: सहारा रेगिस्तान के बारे में तो कई लोगों को पता है लेकिन वेस्टर्न सहारा दुनिया की नजरों से छिपा एक देश है. ये अफ्रीकन यूनियन का हिस्सा है. कई सालों से आजादी की लड़ाई लड़ रहा ये देश किसी नक़्शे में नहीं मौजूद है.
-अब्खाजिया: ये देश पहले जॉर्जिया का हिस्सा था. लेकिन इसके बाद सोवियत यूनियन के गिरने के बाद इस देश ने अपनी आजादी मांगी. नतीजा हुआ कि 1993 में इसे आजाद कर दिया गया
-सेबोर्गा: इटली के वैटिकन सिटी में कई छोटे देश मौजूद हैं. लेकिन इनमें से सेबोर्गा को किसी नक़्शे में जगह नहीं मिली है. ये एक बेहद छोटा देश है जो न्यूयॉर्क शहर के सेंट्रल पार्क जितना बड़ा है.
-पुंतलैंड: जिस तरह सोमालिया से अलग होकर सोमालीलैंड बना, उसी तरह पुंतलैंड भी बना था. लेकिन पुंतलैंड पर हमेशा आईएसआईएस का कब्ज़ा रहा लेकिन पुंतलैंड में हमेशा शांति रही.