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रैपिड रेल(Rapid Rail): दुहाई से साहिबाबाद के बीच रेल पटरी बिछाने का वायडक्ट का कार्य पूर्ण,मई से डिपो में शुरू होगा ट्रायल

आरआरटीएस के साहिबाबाद से दुहाईके बीच 17 वायडक्ट का कार्य पूर्ण हो गया है। साथ ही पटरी बिछाए जाने का कार्य भी जल्द पूर्ण हो जाएगा

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आरआरटीएस(RRTS) के साहिबाबाद(Sahibabad) से दुहाई के बीच 17 वायडक्ट(Viaduct) का कार्य पूर्ण हो गया है। साथ ही पटरी बिछाए जाने का कार्य भी जल्द पूर्ण हो जाएगा। उधर मई के प्रथम सप्ताह से रैपिड रेल दुहाई डिपो में आने लगेंगी। फिलहाल कुछ समय तक रेल का ट्रायल डिपो(Depot) में होगा फिर उसके बाद इस साल के अंत तक कॉरिडोर(corridor)के ऊपर ट्रायल(trial) चलेगा। मार्च 2023 से दुहाई(duhai) से साहिबाबाद के बीच रेल संचालन शुरू हो जाएगा।

रीजनल रेल के इम्पलिमेन्टेशन(implementation) की दिशा में कदम

प्रायोरिटी सेक्शन पर गाज़ियाबाद(Ghaziabad) में रेलवे लाइनों को क्रॉस करने के लिए बनाए गए आरआरटीएस(RRTS) के स्पेशल स्टील स्पैन के पास आज पैकेज-एक के आखिरी स्पैन का लॉन्च(Launch) पूरा कर लिया गया। लॉन्चिंग गैन्ट्री (तारिणी) द्वारा गर्डर का आखिरी सेगमेंट लिफ्ट करके फिट किया गया जिसके साथ ही साहिबाबाद से दुहाई के बीच के प्रायोरिटी सेक्शन तक का वायडक्ट का निर्माण पूरा हो गया। रीजनल रेल के इम्पलिमेन्टेशन की दिशा में यह एक बहुत बड़ा कदम है।

दो पैकेज(package)में किया जा रहा कार्य

प्रोजेक्ट सैन्कशन के बाद प्रायोरिटी सेक्शन(priority section) का काम जून 2019 में शुरु किया गया था। इस बीच कोविड(Covid) की लहर के बावजूद महज़ तीन साल के भीतर ही सिविल निर्माण कार्य पूरा होने के करीब पहुँच गया है। इस 17 किलोमीटर के स्ट्रेच में निर्माण कार्य दो पैकेज में किया जा रहा है- साहिबाबाद से गाज़ियाबाद के बीच पैकेज एक और गाज़ियाबाद से दुहाई के बीच पैकेज- दो। पैकेज एक में अब स्पैन बनाने का कार्य संपन्न हो गया है। सिविल निर्माण कार्य में हुई इस प्रगति के बाद इन दोनों पैकेज में, सिग्नलिंग और टेलीकॉम सिस्टम लगाने के काम की गति तेज़ हो जाएगी।

17 किमी लंबे इस प्राथमिकता खंड पर साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक कुल पांच स्टेशन, साहिबाबाद, गाज़ियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो, होंगे जिनका निर्माण कार्य प्रगति पर है। इस खंड में ओएचई के लिए रास्ता साफ हो गया है और ट्रैक बिछाने का कार्य इसकी निश्चित समयावधि में हो रहा है।

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दुहाई डिपो में में आरआरटीएस ट्रेनों के रखरखाव के लिए स्टेबलिंग और इंसपेक्शन लाइन्स, रोलिंग स्टॉक मेंटिनेंन्स यार्ड का निर्माण भी ट्रैक पर है। यहाँ विभिन्न लैब, सिमुलेशन रूम और प्रशिक्षण के लिए बनाई जा रही अलग-अलग तरह की कक्षाओं से सज्जित आरआरटीएस की प्रशासनिक इमारत का निर्माण भी जारी है। वर्तमान में डिपो के पास ट्रैक बिछाने का काम भी तेज़ी से किया जा रहा है। इस डिपो का निर्माण प्रगति पर है ,जहाँ पहला आरआरटीएस ट्रेन सेट गुजरात के सावली से अगले महीने तक आने की उम्मीद है।

आरआरटीएस कॉरिडोर में कुल 25 स्टेशन,13 मेरठ(Merrut) में

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर में कुल 25 स्टेशन हैं जिसमें से 13 स्टेशन मेरठ में स्थित है। इन्हीं स्टेशनों द्वारा ही मेरठ में लोकल मेट्रो की ट्रांसिट सेवा स्थानीय निवासियों को मिल सकेगी। मेरठ साउथ स्टेशन से लोकल मेट्रो की सेवा प्रारम्भ होगी और परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी के एलिवेटेड भाग से आगे भैसाली, मेरठ सेंट्रल और बेगमपुल में भूमिगत हो जाएगी। आगे यह पुनः एलिवेटेड होकर एमईएस कॉलोनी, दौरली, मेरठ नॉर्थ व मोदीपुरम होते हुए मोदीपुरम डिपो तक जाएगी जहां मोदीपुरम डिपो में ट्रेनों के रखरखाव का प्रबंध किया जाना है।
वर्तमान में 82 किमी लंबे दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ कॉरिडॉर पर 23 लॉन्चिंग गैंट्री (तारिणी) लगाई जा चुकी है और जितनी तेज़ी से इस प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है वह अपने आप में देश में किसी भी अर्बन ट्रांसपोर्ट इनफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट निर्माण के लिए बहुत बड़ी बात है।

एनसीआरटीसी(NCRTC) का लक्ष्य है कि इस वर्ष के अंत तक प्रायोरिटी सेक्शन पर ट्रायल रन आरंभ कर दिया जाए, जिसे पूरा करने के लिए इस प्रोजेक्ट से जुड़े इंजीनियर, अधिकारीगण और कर्मचारी रात-दिन काम कर रहे हैं। अपने अथक एवं निरंतर प्रयासों के कारण, एनसीआरटीसी इस प्रोजेक्ट को न केवल अपनी निश्चित समयावधि में बल्कि समय से पहले पूरा करने की ओर अग्रसर है।

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