मेरे अलफ़ाज़/कवितासाहित्य
मैं रवींद्रनाथ टैगोर को भारत का सर्वश्रेष्ठ चित्रकार मानता हूँ -देव
कविसंधि: एक साहित्यिक अनुभव

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साहित्य अकादमी ने ‘कविसंधि’ के तहत आयोजित किए गए कार्यक्रम में स्वीट्जरलैंड से आए प्रतिष्ठित पंजाबी कवि और चित्रकार देव ने अपने काव्य-पाठ के माध्यम से एक साहित्यिक परिचय को साझा किया।

कार्यक्रम की शुरुआत साहित्य अकादमी के पंजाबी परामर्श मंडल के संयोजक रवेल सिंह द्वारा की गई, जिन्होंने चित्रकार देव का हार्दिक स्वागत किया। उन्होंने देव की कविताओं की रूपरेखा में ‘बयान’, ‘1947’, ‘कारसेवक’, और ‘मेरा पंजाब’ जैसी कई महत्वपूर्ण कविताओं का परिचय किया।

देव ने श्रोताओं के सवालों के उत्तर में अपने काव्य में चुप्पी को महत्वपूर्ण बताया, कहते हुए कि वे अपनी कविता को पहले आँखों से देखते हैं और फिर अर्थों से मुक्त शब्दों का उपयोग करके कविता रचते हैं। चित्रकला के मामले में, देव ने अपने आत्मविशेषता को ‘मोनो कलर पेंटर’ कहा, जिसका मतलब है कि वे एक ही रंग का पेंटिंग करते हैं और रंगों की नई सिम्फनी बनाते हैं।
रवेल सिंह ने देव की कविताओं को ‘पंजाब का गहना’ कहा और कहा कि देव एक ऐसे कवि हैं जो शब्द और दृश्य दोनों से चुप्पी को चुनते हैं, जो सबसे अधिक वाचाल होती है। कार्यक्रम में विभिन्न पंजाबी और हिंदी लेखक और चित्रकार भी शामिल थे, जिन्होंने साहित्य और कला के इस संगम में एक-दूसरे से मिलकर नए और साहसिक दृष्टिकोण से समृद्धि को समर्थन किया।





